नई दिल्ली। सरकार ने मजदूरों और उद्योगों के बीच सीधा संवाद कायम करने के लिए ‘असीम’ के नाम से एक पोर्टल लांच किया है। यह बेरोजगारी से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों और प्रशिक्षित कामगारों की कमी से जूझ रहे उद्योगों के लिए नया सुअवसर साबित हो सकता है। कौशल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से देश में रोजगार के बदलते आयाम की भी जानकारी मिल सकेगी। जाहिर है उसके अनुरूप युवाओं के कौशल विकास की रणनीति करने में मदद भी मिलेगी।
आत्मनिर्भर स्किल्ड इंप्लाई इंप्लायर मैपिंग (असीम) के नाम से शुरू किया गया यह पोर्टल एप के रूप में भी उपलब्ध है, जिसे मोबाइल के सहारे आसानी से चलाया जा सकता है। फिलहाल इस पोर्टल का उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को बेहतर रोजगार और उद्योगों के प्रशिक्षित कामगार उपलब्ध कराना है।
इस पोर्टल पर कोरोना के कारण देश-विदेश से वापस आने वाले मजदूरों का विस्तृत विवरण उपलब्ध होगा। जिसमें मजदूर का काम करने का अनुभव, फील्ड और इस समय किस स्थान पर रह रहे हैं जैसी जानकारी शामिल है।
इससे उद्योग अपनी जरूरत के हिसाब से नजदीक में मौजूद प्रशिक्षित कामगार का चयन कर सकते हैं। ‘असीम’ पोर्टल पर मजदूरों के अलावा उद्योग भी अपनी जरूरत की जानकारी दे सकते हैं। इसके आधार पर कोई भी प्रशिक्षित कामगार सीधे संबंधित उद्योग को संपर्क कर सकता है। यानी एक तरीके से यह पोर्टल देश में आनलाइन रोजगार एक्सचेंज के रूप में काम करेगा।
कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के अनुसार कामगारों और उद्योगों के बीच सीधा संवाद कायम करने वाला पोर्टल देश में कौशल विकास के आयाम को नई दिशा दे सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित इस पोर्टल के माध्यम से आसानी से पता लगाया जा सकता है कि कहां-कहां, किस-किस फिल्ड के कुशल कामगारों की जरूरत ज्यादा है और रोजगार के कौन-कौन से नए क्षेत्र उभर रहे हैं। जाहिर सरकार इसके अनुरूप कौशल विकास की योजनाओं को नए स्वरूप में ढाल सकती है, ताकि उद्योगों की भविष्य की जरूरत के मुताबिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके।