अमेठी में बृहस्पतिवार को एक शिक्षक व उसके दो बच्चों की हत्या के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बयान दिया है। उन्होंने एक्स पर दिए गए अपने बयान में घटना को अति दुखद और चिंताजनक करार दिया है और मांग की है कि सरकार दोषियों के साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि यूपी के अमेठी जिले में एक दलित परिवार के चार लोगों की एक साथ की गयी निर्मम हत्या की घटना अति-दुखद व चिन्ताजनक है। सरकार दोषियों व वहां के पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए ताकि अपराधी बेखौफ न रहें।
शिक्षक के शरीर से मिलीं तीन गोलियां
अमेठी के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार की रात शिक्षक परिवार की हुई चार लोगों की सामूहिक हत्या के बाद चारों मृतकों का पोस्टमार्टम देर रात हुआ। दो चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। दोनों बच्चों के पोस्टमार्टम पहले किए गए। उसके बाद शिक्षक और उनकी पत्नी का पोस्टमार्टम हुआ। मौके पर सीओ सिटी व दो थानों की पुलिस मौजूद रही। इसके अलावा इलाके की भारी भीड़ मौजूद रही। बाकी तीन शवों का पोस्टमार्टम हो गया है। शिक्षक का पोस्टमार्टम हो रहा है। शिक्षक को तीन गोलियां लगीं, जबकि दो गोलियां पत्नी को लगी हैं। एक-एक गोली बच्चों से निकाली गईं हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शव रायबरेली के लिये रवाना कर दिए गए हैं।
जाति के आधार पर कैदियों में काम का बंटवारा अनुचित
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक अन्य बयान में कहा कि देश की जेलों में भी क्रूर जातिवादी भेदभाव के तहत कैदियों से जातियों के आधार पर उनमें काम का बंटवारा कराने को अनुचित व असंवैधानिक करार देकर इस व्यवस्था में जरूरी बदलाव करने का सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भरपूर स्वागत है।
उन्होंने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जातिविहीन, मानवतावादी व धर्मपिरपेक्ष संविधान वाले देश में इस प्रकार की जातिवादी व्यवस्था का जारी रहना यह साबित करता है कि सरकारों का रवैया संवैधानिक न होकर लगातार जातिवादी है। अतः मजलूमों के लिए अब सत्ता प्राप्त करना जरूरी है।