नए सिरे से भाजपा विरोधियों को लामबंद करने पर होमवर्क कर रहे जयन्त

मेरठ। उप्र में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष नए सिरे से चक्रव्यूह बनाने में जुटा है। पश्चिम उप्र भाजपा विरोध की राजनीतिक धुरी बन रहा है। रालोद प्रमुख एवं राज्यसभा सदस्य चौधरी जयन्त सिंह अब दिग्गज नेताओं को साधने में जुटे हैं।  जयन्त की नजर ऐसे भाजपाई दिग्गजों पर भी है जिन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया था। अब जयन्त नए सिरे से संगठन के नट बोल्ट भी कस रहे हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम उप्र में बड़ी रणनीति

चौधरी जयन्त सिंह पश्चिम उप्र में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को एक मंच पर लाने का प्रयास करेंगे। प्रदेश में भाजपा विरोधी गठबंधन की धुरी सपा बन सकती है। बड़ा तीर छोड़ने की तैयारी में जयन्त 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम उप्र में बड़ी रणनीति बन रही है।

चौधरी जयन्त सिंह पश्चिम उप्र में भाजपा को झकझोरने के लिए दिल्ली में सियासी गोते लगा रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी मुलाकात ऐसे भाजपाई दिग्गज से हुई है जो किसान आंदोलन में अपनी ही पार्टी का ब्लडप्रेशर बढ़ाते रहे। वहीं, गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की नई पारी से विपक्ष आक्सीजन लेने में जुटा है।

सपा और कांग्रेस बदलती सियासत का ताप परख रहीं

सपा और कांग्रेस बदलती सियासत का ताप परख रही हैं। आने वाले दिनों में गन्ना सत्र शुरू होगा, जिसमें विपक्ष बकाया भुगतान का मुद्दा गरमाएगा। पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकदल ने अग्निपथ योजना को लेकर कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी किया।

इस क्षेत्र में लोकसभा की 27 और विधानसभा की 136 सीटें 

पश्चिम उप्र और ब्रज क्षेत्र में लोकसभा की 27 और विधानसभा की 136 सीटें हैं। 2009 तक इस क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत वाली रालोद की जमीन मजबूत थी, जो 2014 में मोदी फैक्टर के सामने पूरी तरह खिसक गई। दिग्गज नेता चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर से, जबकि जयन्त बागपत से दोबारा चुनाव हार गए। सपा, रालोद और बसपा की तिकड़ी भी भाजपा का दुर्ग ढहा नहीं सकी। पिछले साल किसान आंदोलन की आंच के बावजूद 2022 के विस चुनाव में पश्चिम और ब्रज में रालोद व सपा खास करिश्मा नहीं कर सकीं।

15 दिन में क्षेत्रीय अध्यक्ष होंगे तय 

अब जयन्त नए सिरे से संगठन के नट बोल्ट कस रहे हैं। 15 दिन में क्षेत्रीय अध्यक्ष तय कर लिए जाएंगे। साथ ही जिलाध्यक्षों एवं मंडल अध्यक्षों के भी नाम पर मुहर लगेगी। इस बीच चौधरी जयन्त सिंह अब पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से सियासी गुर सीखने वाले नीतीश कुमार सरीखे राजनीतिज्ञों से संपर्क बढ़ा रहे हैं। जयन्त नए सिरे से भाजपा विरोधियों को लामबंद करने पर होमवर्क कर रहे हैं। वो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और  बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी एक मंच पर लाने का प्रयास करेंगे।

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