नई दिल्ली। किसी भी बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाने से पहले इस बात का पता होना चाहिए कि आप जिस बैंक में अकाउंट खुलवा रहे हैं वो सेविंग अकाउंट पर कितना ब्याज दे रहा है। कई बैंक ऐसे हैं जो आपको सेविंग अकाउंट पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से भी ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। देश का सबसे बड़ा बैंक SBI फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिकतम 5.4% ब्याज दे रहा है। हम आपको ऐसे बैंकों के बारे में बता रहे हैं जो सेविंग्स अकाउंट पर शानदार ब्याज ऑफर कर रहे हैं।
ये बैंक सेविंग अकाउंट पर दे रहे ज्यादा ब्याज
बैंक | ब्याज दर (%) |
RBL बैंक | 4.50-6.25 |
बंधन बैंक | 3.00-6.00 |
इंडसइंड बैंक | 4.00-6.00 |
यस बैंक | 4.00-5.50 |
IDFC फर्स्ट बैंक | 4.00-5.00 |
पोस्ट ऑफिस | 4.00 |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 3.00-4.00 |
पंजाब नैशनल बैंक | 3.00- 3.50 |
बैंक ऑफ इंडिया | 2.90 |
SBI | 2.70 |
सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTA के तहत बैंक/को-ऑपरेटिव सोसायटी/पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स अकाउंट के मामले में ब्याज से सालाना 10 हजार रुपए तक की आय टैक्स फ्री है। इसका लाभ 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति या HUF (संयुक्त हिन्दू परिवार) को मिलता है। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए ये छूट 50 हजार रुपए है। इससे ज्यादा आय होने पर TDS काटा जाता है।
अगर आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में न आती हो तो क्या करें?
अगर आपकी सेविंग अकाउंट, FD या RD से सालाना ब्याज आय तो 10 हजार से अधिक है लेकिन कुल सालाना आय (ब्याज आय मिलाकर) उस सीमा तक नहीं है, जहां उस पर टैक्स लगे तो बैंक TDS नहीं काटता। इसके लिए सीनियर सिटीजन को बैंक में फॉर्म 15H और अन्य लोगों को फॉर्म 15G जमा करना होता है।
फॉर्म 15G या फॉर्म 15H खुद से की गई घोषणा वाला फॉर्म है। इसमें आप यह बताते हैं कि आपकी आय टैक्स की सीमा से बाहर है। जो इस फॉर्म को भरता है उसे टैक्स की सीमा से बाहर रखा जाएगा।
क्या होता है टीडीएस?
अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स जुटाती है। यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे सैलेरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर। कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है।