कंगना रनोट ने मुंबई के एक सिविल कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया है, जिसमें उनके 3 फ्लैट्स को एक किए जाने में मर्जर के नियमों के उलंघन की बात कही गई है। एक्ट्रेस ने अपनी ताजा सोशल मीडिया पोस्ट में महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है, “महाविनाशकारी सरकार का झूठा प्रचार। मैंने किसी फ्लैट को मर्ज नहीं किया। पूरी बिल्डिंग एक ही तरह से बनी है, हर फ्लोर पर एक अपार्टमेंट है। मैंने इसे ऐसे ही खरीदा था। पूरी बिल्डिंग में बीएमसी सिर्फ मुझे प्रताड़ित कर रही है। मैं हायर कोर्ट में लड़ाई लडूंगी।”
सितंबर 2020 में कंगना ने लगाई थी याचिका
सितंबर 2020 में जब कंगना मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने (POK) के बाद विवाद में आई थीं, तब बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने उनके ऑफिस में अवैध निर्माण का दावा करते हुए वहां तोड़फोड़ की थी। इसके बाद एक्ट्रेस ने सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर कर सिविक बॉडी द्वारा की जाने वाली तोड़फोड़ को गलत बताया था और इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।
सिविल कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा
जज एल एस चव्हाण ने अपने फैसले में कहा कि कंगना ने 16 माले की बिल्डिंग के पांचवें फ्लोर पर 3 फ्लैट्स को मर्ज कर एक किया है। इस दौरान उन्होंने संक एरिया, डक्ट एरिया और कॉमन पैसेज को कवर कर फ्लोर स्पेस एरिया इंडेक्स (FSI) को रहने लायक जगह में कन्वर्ट किया है। यह बिल्डिंग प्लान के नियमों का उलंघन है।
कंगना के पास 6 हफ्तों का वक्त
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि इस केस में और जांच की जरूरत नहीं है। साथ ही कंगना को 6 हफ्तों का वक्त देते हुए कहा है कि वे चाहें तो इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं।