नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। बजट सत्र के अंतिम दिन भी अदाणी मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा किया। जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। इससे पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के संसद कक्ष में मुलाकात की थी।
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंश निकाले जाने के बाद विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 11:50 तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
राज्यसभा सभापति धनखड़ बोले
सांसदों के नारेबाजी के बीच राज्यसभा सभापति ने विपक्ष के नेता खरगे से कहा कि विपक्ष के नेता आपने इतने शब्दों में संकेत दिया है कि अध्यक्ष दबाव में काम कर रहे हैं। इन शब्दों को हटा दिया गया है। आप सदन के पटल पर बने रहने के अपने अधिकार का हनन कर रहे हैं। हर बार आप कह रहे हैं कि अध्यक्ष दबाव में काम कर रहे हैं।
राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय के नोटिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में जो कुछ भी कहा था वह पहले से पब्लिक डोमेन में है, जो सभी लोग बोलते-लिखते हैं। वही बात उन्होंने कही है। इसमें कुछ भी असंसदीय नहीं है। इसलिए वह उसी हिसाब से नोटिस का जवाब देंगे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिना स्पीकर को नोटिस दिए आप हमारे पीएम पर इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। नोटिस में हमने राहुल गांधी को 15 फरवरी तक स्पीकर को सबूत दिखाने के लिए कहा है, जो उनके दावों को साबित कर सकता है या उन्हें संसद में माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा वह अपनी लोकसभा सीट खो देंगे।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चूंकि आज संसद में बजट सत्र के पहले भाग का आखिरी दिन है, हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि हम इस अदाणी मुद्दे को कैसे सुलझा सकते हैं और हमारे अध्यक्ष क्या करेंगे। अन्य दलों के नेताओं की भी इस पर राय लेंगे।
बता दें कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को लोकसभा में चीन के अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस पेश किया। नोटिस में उन्होंने कहा अप्रैल 2020 से चीन लगातार हमारी जमीन हड़पने में लगा हुआ है। 16 जनवरी 2023 तक भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की 17 दौर की वार्ता हो चुकी है, इसमें थोड़ी सफलता मिली है, जबकि चीन अपने सैनिकों के लिए पुलों, सड़कों और आवास सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करना जारी रखे है। चीन एकतरफा यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है।