लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी आज से पंचायत चुनाव के लिए मैदान में उतरने जा रही है तो वहीं अन्य पार्टियां भी इस चुनाव में अपना पूरा दमखम दिखाने में जुटी गई है।
पहली बार पंचायत चुनाव में राजनीतिक दल बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव को कराने के लिए तेजी से काम कर रही हैं।
बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव के लिए शुरुआती वोटर लिस्ट बनकर तैयार हो चुकी है। कुछ ही समय में ये ग्रामीणों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। ग्रामीण इससे ड्राफ्ट मतदाता सूची बूथ लेबल अफसर के पास से देख सकेंगे। इसके अलावा ये सूची आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हो जाएगी। 28 दिसंबर से लेकर 3 जनवरी के बीच इस वोटर लिस्ट को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
शिवसेना ने मारी एंट्री
उधर यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कई राजनीतिक दल इस पंचायत चुनाव में अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुट गयी हैं। आम आदमी पार्टी के पंचायत चुनाव लड़ने के ऐलान करने के बाद आज शिवसेना ने भी यूपी में पंचायत चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
इसके लिए यूपी के शिवसेना अध्यक्ष अनिल सिंह ने बैठक कर प्रत्याशी चयन के लिए सभी जिलों से आवेदन मांगे हैं। साथ ही सभी जिलों में प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं।
इससे पहले आम आदमी पार्टी और शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी यूपी में पंचायत चुनाव लड़ने ऐलान किया था। दोनों ने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक कर प्रत्याशियों से आवेदन मांग चुकी है। साथ ही चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है।
बीजेपी आज से उतरेगी मैदान में
दरअसल यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में होनें हैं लेकिन सूबे का सियासी पारा अभी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। उपचुनाव और एमएलसी चुनाव के बाद अब सभी दलों की नजर पंचायत चुनाव पर लगी हैं। और हर बार की तरह इस बार भी बीजेपी किसी भी तरह की लापरवाही चुनाव में नहीं दिखान चाहती है। इसलिए बीजेपी ने अभी से अपने कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार का फैसला किया है।
आज से बीजेपी के नेता और कार्यकर्त्ता चुनाव मैदान में उतरेंगे। इसके साथ ही आज से कार्यकर्त्ता पंचायत चुनाव की तैयरियों में भी जुट जाएंगे। मतदाता सूची की तैयारी और आरक्षण के कामों पर पार्टी हुई सक्रिय। ये प्रक्रिया 28 दिसम्बर से लेकर 3 जनवरी तक चलेगी।
इसके बाद 4-11 जनवरी तक दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। भाजपा बूथ स्तर पर पात्र व्यक्तियों का नाम सूची में दर्ज करवाएगा। भाजपा गांव गांव तक अपनी पकड़ मजबूत बनाने की मुहिम में जुट गई।