नॉर्थ कोरिया ने कहा कि वह साउथ कोरिया पर एटमी हमले का अभ्यास कर रहा है। इसी के तहत उसने अपने पूर्वी समुद्री इलाके में बुधवार को कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। नॉर्थ कोरिया की न्यूज एजेंसी KCNA के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि युद्धाभ्यास अमेरिका और साउथ कोरिया के युद्धाभ्यास को देखते हुए किया गया। नॉर्थ कोरिया ने आरोप लगाया कि अमेरिका इन एक्सरसाइज के जरिए उन पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है।
नॉर्थ कोरिया जंग की स्थिति में किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। अगर साउथ कोरिया की तरफ से अटैक किया गया तो तानाशाह परमाणु हथियारों के जरिए इसका जवाब देंगे और जरूरत पड़ने पर उनके देश पर भी कब्जा कर लेंगे।
टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से युद्धाभ्यास
नॉर्थ कोरिया की सेना कोरियन पीपुल्स आर्मी (KPA) ने टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से हमले का अभ्यास किया। नॉर्थ कोरिया की मिलिट्री ड्रिल के बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने देर रात एक सिक्योरिटी मीटिंग बुलाई। ड्रिल को लेकर जापान के PM किशिदा ने कहा- इस तरह की एक्सरसाइज न केवल जापान बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
नॉर्थ कोरिया ने ये ड्रिल ऐसे समय में की गई जब हाल ही में अमेरिका और साउथ कोरिया ने 11 दिन की जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज की। इसके बाद अमेरिका ने एयर ड्रिल्स के लिए B-1B बॉम्बर भी तैनात कर दिए।
किम जोंग ने कहा था- हमले से रक्षा के लिए तैयार रहे सेना
इससे पहले 29 अगस्त को नॉर्थ कोरिया ने अपना नेवी डे मनाया था। इस दौरान तानाशाह किम जोंग ने अपनी सेना को हमले की स्थिति में देश की रक्षा करने के लिए तैयार रहने को कहा था। किम ने अमेरिका पर कोरियन पेनिनसुला के जलक्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने का आरोप लगाया था। साथ ही तानाशाह ने परमाणु हमले का भी खतरा बताया था।
नॉर्थ कोरिया में नेवी डे के मौके पर भाषण देते हुए किम जोंग ने कहा था- अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया के गैंग ने रेगुलर जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज की घोषणा की है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, तानाशाह ने कहा था- ये युद्धाभ्यास हमारे देश पर हमले के लिए किया जा रहा है। ऐसे में हमारी नेवी को हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रहने और दुश्मनों की इच्छाशक्ति को तोड़ने की कोशिश करनी होगी।
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का जखीरा बढ़ाने पर फोकस
KCNA के मुताबिक, तानाशाह ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया की नेवी परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है। अमेरिका और दूसरे देशों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये की वजह से कोरियन पेनिनसुला का जलक्षेत्र दुनिया के सबसे खतरनाक जलक्षेत्र और सबसे बड़े युद्ध के कंसेन्ट्रेशन स्पॉट में तब्दील हो गया है। अमेरिका और साउथ कोरिया की मिलिट्री ने 21 अगस्त को 11 दिन की जॉइंट ड्रिल की शुरुआत की थी।
नेवी डे पर किम जोंग ने कहा था- देश की सभी मिलिट्री यूनिट्स को नए हथियार दिए जाएंगे। साथ ही टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन का जखीरा भी बढ़ाया जाएगा। इसके बाद कयास लगाए गए थे कि तानाशाह अपनी नेवी को जल्द ही परमाणु हमला करने में सक्षम मिसाइलें सौंपने वाला है।
क्या होता है टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन
टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन वो हथियार होते हैं जो खास जगहों पर वार करने में सक्षम होते हैं। इनमें कई शहरों को एक साथ उड़ाने की ताकत नहीं होती है। टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन में कम रेंज की मिसाइल, आर्टिलरी शेल्स, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल और न्यूक्लियर वॉरहेड वाले टॉरपीडो जैसे कई हथियार शामिल होते हैं। हालांकि, अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है कि रूस बेलारूस में ऐसे कितने हथियार तैनात करेगा।