नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई अंतिम दौर में है। सोमवार को फ्लोर टेस्ट हो सकता है। रविवार को हुए स्पीकर के चुनाव के बाद और स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है कि कौन सा विधायक किसके साथ है। जानकारों का मानना है कि अब शिवसेना में बगावत का दौर खत्म हो गया है और पार्टी 16 विधायकों के साथ डटी हुई है। महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने अपने विधायकों को अलग-अलग व्हिप जारी कर दिए हैं।
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट, राकंपा और कांग्रेस ने अपने सदस्यों को विश्वास मत के समर्थन में वोट नहीं देने के निर्देश दिए हैं। वहीं, खबर है कि भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) सोमवार को व्हिप जारी कर सकते हैं। खास बात है कि रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए शिवसेना ने अपने सभी 55 विधायकों को व्हिप जारी किए थे। इसमें शिंदे गुट ने भाजपा के उम्मीदवार के लिए वोट किया। जबकि, उद्धव गुट के 16 विधायकों ने अपने उम्मीदवार राजन साल्वी के लिए मतदान किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक राजनीतिक जानकार ने कहा, ‘अभी के लिए ऐसा लग रहा है कि बगावत थम गई है और शिवसेना के 16 विधायक उद्धव गुट के साथ हैं। इस बात की संभावनाएं बहुत कम हैं कि उद्धव खेमे के और विधायक पक्ष बदलें। लेकिन सोमवार को विश्वास मत के बाद ही हमें यह पता चलेगा। कई विधायक मानते हैं कि विश्वास मत के लिए जारी व्हिव स्पीकर के चुनाव से ज्यादा जरूरी है। जो उद्धव कैंप में अभी भी हैं, वे वफादार हैं और उनके बदलने की संभावनाएं नहीं हैं।’
किसके पास किसका समर्थन
शिवसेना में बगावत करने वाले शिंदे के पास पार्टी के 39 विधायकों के अलावा छोटे दल के 9 और निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। जबकि, उद्धव गुट को बेटे आदित्य ठाकरे समेत 16 विधाायकों का समर्थन हासिल है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि शिवसेना के अब और विधायक अपना पक्ष नहीं बदलेंगे, लेकिन इसपर हालात सोमवार को ही स्पष्ट हो सकेंगे।
नार्वेकर के चुनाव का गणित
स्पीकर के तौर पर चुने गए नार्वेकर को 164 वोट मिले थे। इनमें भाजपा के 104, शिंदे गुट के 39, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का 1, बच्चू काडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी से 2, राष्ट्रीय समाज पक्ष से 1, बहुजन विकास अघाड़ी से 3 और जन स्वराज्य शक्ति के 1 विधायक शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिला था।
शिवसेना विधायकों के खिलाफ हो सकती है कार्यवाही
खास बात है कि शिवसेना ने स्पीकर के चुनाव के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था। ऐसे में खिलाफ जाने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। साथ ही शिंदे गुट के व्हिप के खिलाफ जाने वाले 16 विधायकों के खिलाफ भी अयोग्यता की कार्यवाही हो सकती है।