कोलकाता। बंगाल की खाड़ी में उठे गंभीर चक्रवाती तूफान “अम्पन” तेज गति से तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। मौसम विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने सोमवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर स्थित दीघा व दक्षिण 24 परगना के सागरदीप तट से चक्रवाती तूफान 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकरा सकता है।
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान अम्फान अब तेज होने लगा है। खाड़ी के मध्य भाग में रविवार रात ढाई बजे से इसका स्वरूप बड़ा होने लगा है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 6 घंटे में तूफान खाड़ी के दक्षिणी इलाके से उत्तरपूर्व की तरफ मुड़ चुका है। यहीं पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाके हैं। 20 मई की दोपहर तक यह तूफान पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के पास टकरा सकता है। इस दौरान इसकी रफ्तार 870 किलोमीटर प्रति घंटे होने का अनुमान है। च्रकवात के असर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने और भारी बारिश की आशंका है।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान से निपटने की तैयारियों और इससे पैदा होने वाले हालात का जायजा लेने के लिए गृह मंत्रालय और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) की हाई लेवल बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम 4 बजे से होगी।
इसकी गति 185 किलोमीटर तक में पहुंचने की आशंका है। सुबह साढ़े पांच बजे के करीब 1060 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच चुका है। 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहा है। यह तूफान ओडिशा के पारादीप समुद्र तट से 940 किलोमीटर दूर स्थित है।
जीके दास ने बताया है कि अगले छह घंटे के दौरान यानी सोमवार दोपहर तक यह तूफान और अधिक तेज हो जाएगा और तेजी से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा। 20 मई की दोपहर अथवा शाम के समय यह चक्रवात दीघा के समुद्र तट से टकरा सकता है। उस समय इसकी गति काफी अधिक होने की संभावना है जिससे भारी जानमाल के नुकसान हो सकते हैं। राज्य सरकार को इस बारे में अलर्ट भेज दिया गया है। समुद्र तटीय क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात-
पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सावधानी बरतने में देरी नहीं की है। रविवार को ही एनडीआरएफ की दो टीमों को तैनात कर दिया गया है, जो दक्षिण 24 परगना के सागर दीप में तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गए हैं। इसके अलावा एक दूसरी टीम को दीघा के समुद्र तट पर तैनात कर दिया गया है। यह टीम जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित कर रही है। अभी कुछ महीने पहले ही बुलबुल चक्रवाती तूफान आया था, जिसकी वजह से पश्चिम बंगाल को 28 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। दस से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि लाखों मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसे देखते हुए इस बार बंगाल सरकार विशेष तौर पर सतर्क हो गई है ताकि जानमाल के नुकसान को टाला जा सके।