श्रीलंका अपनी हरियाली और खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए जाना जाता है। ऐसी ही एक खूबसूरत जगह है पिजन आइलैंड। एक दिन की यादगार यात्रा के लिए यह काफी आदर्श स्थल है। यह द्वीप श्रीलंका के दो समुद्री राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यहां की प्रवाल चट्टानें 200 मीटर लंबी और 100 मीटर चौड़ी है, जो इसे स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग बनाती हैं।
सौ से अधिक प्रवाल चट्टानें इस आइलैंड का नाम ब्लू रॉक कबूतर के नाम पर पड़ा है, जो एक विलुप्त प्रजाति का पक्षी है। इस प्रजाति के कबूतर यहां कभी काफी संख्या में रहा करते थे। इस द्वीप को साल 2003 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया। अब पिजन आइलैंड अपनी नाजुक प्रवाल चट्टानों और असाधारण समुद्री जीवन के कारण एक संरक्षित क्षेत्र बन गया है।
इस द्वीप को दो भागों में बांटा गया है- एक, बड़ा पिजन आइलैंड और दूसरा, छोटा पिजन आइलैंड। बड़ा द्वीप स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग के लिए अनुकूल है, जहां आपको ब्लैक टिप रीफ शार्क और कई तरह के समुद्री कछुओं के साथ तैरने का मौका मिलता है। वहीं छोटा द्वीप चट्टानी टापुओं से घिरा हुआ है। यह द्वीप एकांत में है, लेकिन दिखने में उतना ही खूबसूरत है।
इस द्वीप पर सौ से अधिक प्रकार की प्रवाल चट्टानें, अनगिनत रीफ मछलियां और विभिन्न प्रजातियों के समुद्री कछुए पाए जाते हैं। यहां के सफेद रेतीले समुद्र तट, उथली मूंगा चट्टानें और समुद्रीय पारिस्थितिकी तंत्र किसी भी पर्यटक को अचरज से भर देते हैं। भीड़-भाड़ से दूर यह द्वीप पर्यटकों को सुकून से भरा अनुभव प्रदान करता है।
स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग पिजन आइलैंड स्नॉर्कलिंग के लिए प्रसिद्ध है। द्वीप का साफ पानी और उथली मूंगा भित्तियां पानी के भीतर एक जीवंत और रंगीन दुनिया बनाती हैं। स्नॉर्कलर के शौकीन ब्लैक टिप रीफ शार्क और विभिन्न समुद्री कछुओं के साथ तैर सकते हैं। यहां पर्यटकों की मदद करनेे लिए गाइड भी उपलब्ध होते हैं। स्कूबा डाइविंग के शौकीनों के लिए भी पिजन आइलैंड एक असाधारण डाइविंग अनुभव प्रदान करता है। गोताखोर द्वीप के चारों ओर की चट्टानी संरचनाओं को एक्सप्लोर कर सकते हैं और सैकड़ों समुद्री जीवों से रूबरू हो सकते हैं, जिनमें क्राउन ऑफ थॉर्न्स स्टारफिश, स्कॉर्पियन फिश, लायनफिश, स्टिंगरे, एनीमोन फिश, कटलफिश, ऑक्टोपस, पफरफिश और स्पाइनी लॉबस्टर्स शामिल हैं।
यहां गोता लगाने की अधिकतम गहराई 10-12 मीटर होती है, लेकिन पानी के नीचे की दुनिया काफी सुंदर है, जो समुद्री जीवन का शानदार अनुभव प्रदान करती है। इन बातों का रखना होगा ध्यान…
– द्वीप संरक्षित है। इसलिए पर्यटकों को चिह्नित किए गए दायरे में ही रहना होता है। – पर्यटकों को द्वीप पर बनीं प्रवाल भित्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है। वे इतनी कमजोर होती हैं कि पैर रखने भर से भी उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। – पर्यटकों को शाम 5 बजे के बाद पिजन आइलैंड पर रहने की अनुमति नहीं होती है। कब जाएं? पिजन आइलैंड जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अक्टूबर के बीच है। नवंबर से इस क्षेत्र में पूर्वोत्तर मानसून का मौसम शुरू हो जाता है। यहां मानसून के दौरान द्वीप की यात्रा संभव नहीं होती, क्योंकि अशांत समुद्र के कारण नौका सेवाएं निलंबित कर दी जाती हैं।
कहां ठहरें? पिजन आइलैंड त्रिन्कोमाली से करीब 10 किमी दूर स्थित है। यहां की यात्रा त्रिन्कोमाली के नीलावेली बीच से आसानी से की जा सकती है। हालांकि ध्यान रहें कि इस द्वीप पर ठहरने के कोई इंतजाम नहीं हैं। इसलिए पर्यटक चाहें तो त्रिन्कोमाली में ठहर सकते हैं। त्रिन्कोमाली में ठहरने के कई विकल्प मिल जाएंगे।