लखनऊ। पिता की राजनीतिक विरासत संभालने को अदिति सिंह ने राजनीति में एंट्री की। उन्होंने सियासी सफर की शुरुआत पिता की उंगली पकड़कर की, लेकिन आहिस्ता आहिस्ता वे अब खुद जिले की राजनीति का बड़ा चेहरा बन चुकी हैं। प्रदेश स्तर पर युवा महिला नेता के तौर पर उनकी पहचान बन चुकी है।कांग्रेस के जरिए विधायक बनीं अदिति बुधवार को भाजपा में शामिल हो गईं।
उनके इस कदम से जिले की राजनीति में काफी हलचल है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अदिति ने निकटम प्रतिद्वंदी को करीब 90 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया था। इनके विधायक बनने के करीब डेढ़ साल बाद पिता अखिलेश सिंह का निधन हो गया। उनके न रहने के बाद अदिति की सक्रियता और बढ़ गई। वे लगातार क्षेत्र से लेकर सूबे की राजनीति में सक्रिय हैं। भाजपा में मजबूत पकड़ के जरिये उन्होंने राजनीतिक भविष्य की नई दिशा तय की।
अदिति सिंह रायबरेली सदर से विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं। इन्होंने ने यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी है। अखिलेश ने कांग्रेस के जरिये बेटी का राजनीतिक सफर शुरू कराया। टिकट दिलाने के साथ ही पिछले चुनाव में भारी बहुमत से जीत भी दिलवाई।
अदिति के भाजपा में शामिल होने से यूपी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में विधायक अदिति सिंह ने पार्टी की सदस्यता ली। उल्लेखनीय है कि पिछले लंबे समय से अदिति सिंह के बीजेपी ज्वाइन करन की चर्चा थी कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के साथ ही आलाकमान की बयानबाजी से अलग विचार रखने को लेकर चर्चा में आई अदिति सिंह को लेकर लगातार ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी का दामन थामेगी।
मां हैं ब्लॉक प्रमुख : अदिति सिंह की मां वैशाली सिंह गत दिनों हुए पंचायत चुनाव में अमावां ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुईं। इसके अलावा राही ब्लॉक और नगर पालिका में भी इन्हें के करीबियों ने बागडोर संभाल रखी है। वहीं अदिति के पति अंगद सैनी कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि अदिति के भाजपा में जाने के बाद उनका राजनीतिक कदम क्या होगा।