नई दिल्ली। ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट BF.7 के कहर के बीच दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स बूस्टर डोज़ लगाने पर ज़ोर दे रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि वैक्सीन का असर समय के साथ हल्का पड़ने लगता है, ऐसे में बूस्टर डोज़ आपके इम्यून रिसपॉन्स को मज़बूत बनाएगा। इससे आप कोविड के गंभीर संक्रमण से बचेंगे। हालांकि, कोविड से बचने के लिए सिर्फ वैक्सीन काफी नहीं है, इसके साथ आपका मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाना और स्वच्छता का ख्याल रखना भी उतना ही ज़रूरी है।
जिस व्यक्ति को वैक्सीन की सभी ज़रूरी डोज़ लग गई हैं, उन्हें पूरी तरह से वैक्सीनेटेड माना जाता है, फिर चाहे डोज़ एक हो या दो। एक स्वस्थ व्यक्ति में वैक्सीन का असर होने में कम से कम दो हफ्ते लगते हैं। कोविड के बात करें, तो कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो डोज़ हैं, वहीं जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन की एक ही डोज़ है।
वायरस को फैलने से रोकने और गंभीर संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाना बेहद ज़रूरी है। हालांकि, वैक्सीन से SARs-CoV-2 के खिलाफ पूरी तरह इम्यूनिटी मिलने की गैरंटी नहीं है। ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BF.7, वायरस का एक अत्यधिक संक्रामक स्ट्रेन है, जो वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को भी चकमा देने में माहिर है। इसलिए आपको चाहे वैक्सीन लगी हो या नहीं, आपका मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाना और स्वच्छता का पालन करना बेहद ज़रूरी है।
ज़ोई हेल्थ स्टडी सर्वे से पता चलता है कि कोविड के लक्षण वैक्सीन के आधार पर अलग हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स ने पाया है कि जिन लोगों को वैक्सीन की सभी डोज़ लगी हुई हैं, उनमें गले में खराश, नाक का बहना, बंद नाक, लगातार खांसी और सिर दर्द जैसे संकेत देखे जाते हैं। जिन लोगों को एक ही डोज़ लगी है, उन्हें सिर दर्द, नाक का बहना, गले की खराश, छींकें और लगातार खांसी की शिकायत हो सकती है। वहीं, जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें सिर दर्द, गले की खराश, नाक बहना, बुखार और लगातार खांसी जैसे लक्षण परेशान करते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपको वैक्सीन लग चुकी है और अचानक काफी छीकें आ रही हैं, तो आपको फौरन कोविड-19 टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि आपके आसपास के लोग सुरक्षित रह सकें।
ओमिक्रॉन BF.7 के कहर के चलते मेडिकल एक्सपर्ट्स सभी लोगों को बूस्टर डोज़ लगवाने की सलाह दे रहे हैं। जिन लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं, डॉक्टर अब उन्हें बूस्टर लगवाने की सलाह दे रहे हैं। बूस्टर डोज़ वैक्सीन के असर को बनाए रखेगी, जो समय के साथ कमज़ोर पड़ने लगता है।