नई दिल्ली। ग्रीम स्वान ने अनुमान लगाया है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज भारत 3-1 के अंतर से जीतेगा। पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा कि मेहमान टीम सभी विभागों में आगे है और न्यूजीलैंड के हाथों जून में 0-1 की हार के बाद इंग्लैंड टीम का विश्वास कम होगा।
भारत और इंग्लैंड पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेंगे, जिसकी शुरूआत 4 अगस्त से होगी। पिछली बार जब विराट कोहली के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया था तो उसे 1-4 की शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
ग्रीम स्वान का मानना है कि 2018 के दौरे की तरह की इस बार इंग्लैंड का जीतना मुश्किल है क्योंकि उसके पास न तो अच्छे बल्लेबाज हैं और न ही उसका स्पिन विभाग मजबूत है।
ग्रीम स्वान ने यूट्यूब चैनल पर बातचीत में कहा, ‘मैं जो कह रहा हूं, वो इंग्लैंड में हमेशा कहता हूं। एक मैच बारिश की भेंट चढ़ेगा। मेरे ख्याल से वहां चार नतीजे निकल सकते हैं। इंग्लैंड-न्यूजीलैंड और फिर न्यूजीलैंड-भारत को खेलते देखा तो मुझे लगा कि बल्लेबाजों के मामले में भारतीय टीम बेहतर है।
गेंदबाजी में दोनों टीमें समान है, तो मैं कहना चाहूंगा कि भारत 3-1 से सीरीज जीतेगा। या फिर 2-2 का नतीजा दूंगा? आप जानते हैं कि मैं इंग्लैंड का समर्थन करना चाहूंगा क्योंकि उनके लिए खेला है और मैं अपने देश से बहुत प्यार करता हूं।’
स्वान ने आगे कहा, ‘इस समय हमारा स्पिन आक्रमण कमजोर है। गर्मी में बाद में स्पिनर अच्छे उपयोग में आते हैं। अगर विकेट को बिलकुल हरा न छोड़ा जाए तो विकेट से स्पिन मिलती है।’
ग्रीम स्वान ने आगे कहा, ‘मैं कहूंगा कि भारत 3-1 से सीरीज जीतेगा। इससे मुझे खुशी नहीं होगी, लेकिन मुझे लगता है कि भारत बेहतर टीम है और तथ्य यह है कि न्यूजीलैंड ने दो मैचों की सीरीज में इंग्लैंड को हराया है। मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी जब तक उसके बल्लेबाजों की समस्या नहीं सुलझ जाती। टॉप-6 में जो रूट का समर्थन करने के लिए दो और बल्लेबाजों की जरूरत है।’
भारत ने इंग्लैंड में 2007 के बाद से टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में भारत ने 2007 में 1-0 से सीरीज जीती थी। जब 2018 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया था तो पांच में से चार मैचों में कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई थी, लेकिन मेहमान टीम अहम समय पर फायदा नहीं उठा पाई और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था।
इन तीन सालों में भारतीय टीम में ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं तो खिलाड़ी ज्यादा अनुभवी हैं। वो युवा मेजबान टीम को शिकस्त देने के लिए जोर लगाते हुए नजर आएंगे।