नई दिल्ली। पेगासस विवाद, किसानों और महंगाई के मुद्दों पर संसद में आज भी हंगामा हो रहा है। इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही दूसरी बार स्थगित की गई है। सदन पहले 12 बजे तक और फिर 2.30 बजे तक स्थगित कर दिया गया। वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी थी।
उधर विपक्ष ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा कर ली थी। इसके लिए राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में 16 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें राज्यसभा और लोकसभा के नेता शामिल थे।
राज्यसभा के ये नेता मौजूद रहे-
मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुखेंदु शेखर रॉय (TMC), तिरुची शिवा और आरएस भारती (DMK), ई करीम (CPM), विशंभर निषाद (SP), वंदना चव्हाण और फौजिया खान (NCP), विनय विश्वम (CPI), संजय राउत (शिवसेना), एमवी श्रेयांश कुमार (LJD), श्री वाइको (MDMK)
लोकसभा के ये नेता मौजूद रहे-
अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, सुरेश कोडिकुनिल, माणिक टैगोर (कांग्रेस), टीआर बालू (DMK), हुसैन मसूदी (नेशनल कॉन्फ्रेंस), ए एम आरिफ (CPM), ए शमसुद्दीन (IUML), एनके प्रेमचंद्रन (RSP), थॉमस जी (केरल कांग्रेस-एम), डी रविकुमार (VCK), सौगत रॉय (TMC), श्याम सिंह यादव (BSP)
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद माणिक टैगोर ने कहा था कि सरकार संसद में विपक्ष को बोलने नहीं दे रही है। टैगोर ने कहा कि विपक्ष की बात सुनी जानी चाहिए और प्रधानमंत्री या गृह मंत्री मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा होनी चाहिए।
इससे पहले गुरुवार को को भी संसद के में हंगामा जारी रहा। इससे दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि शोर-शराबे के बीच लोकसभा ने दो विधेयकों को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया। ऐसा ही राज्यसभा में हुआ। इससे पहले लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों के अभद्र व्यवहार पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वे ऐसी घटनाओं से बहुत आहत हैं।
पहले हफ्ते में सिर्फ 4 घंटे हुआ कामकाज
मानसून सत्र के पहले हफ्ते में संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी मामले के साथ कई दूसरे मुद्दों पर जमकर हंगामा किया। पिछले हफ्ते सिर्फ मंगलवार को राज्यसभा में चार घंटे सामान्य ढंग से कामकाज हो पाया, जब कोरोना के चलते देश में बने हालात को लेकर सभी दलों के बीच आपस में बनी सहमति के आधार पर चर्चा हुई थी।