नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को मिलकर पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले शुल्क को कम करना चाहिए। इस विषय पर दोनों को मिलकर बात करनी चाहिए।
महिला दिवस से पूर्व इंडियन वुमेन फार प्रेस कोर्प (आईडब्लूपीसी) की महिला पत्रकारों से शुक्रवार को बातचीत में वित्तमंत्री ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर शुल्क केन्द्र और राज्य सरकारों दोनों लेती हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के शुल्क के राजस्व का 41 प्रतिशत राज्यों को जाता है। ऐसे में राज्यों को अपने यहां लगने वाले शुल्क को कम करना चाहिए। इस विषय पर केन्द्र सरकार राज्यों से बात कर रही है।
साल 2021-22 के बजट पर वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह बजट देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की ओर अग्रसर है जिससे देश के उद्धमियों और व्यापारियों को लाभ मिलेगा। अगले 25 सालों को देखते हुए हमें ऐसी नीतियां तैयार करनी होंगी जो भारतीय युवाओं की प्रतिभा को निखारें।
हमें वैश्विक आपदा से पैदा अवसर का लाभ उठाना चाहिए। महिला व बाल विकास मंत्रालय के बजट को कम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर साल पिछले बजट की उपयोगिता के आधार पर नया बजट तैयार होता है। बजट का जितना इस्तेमाल होता है उसके आधार पर उसे बढ़ाया या घटाया जाता है।
हरियाणा सरकार के अपने राज्यों के लोगों को ही नौकरी देने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस फैसले के पीछे क्या औचित्य है इसे देखना होगा। इस फैसले को पूरी तरह से देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी को शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में इस करेंसी पर अभी आरबीआई से साथ चर्चा की जा रही है। जो भी फैसला होगा सभी के सामने होगा। मौजूदा समय में क्रिप्टो यानि आभासी करेंसी पर प्रतिबंध है।