परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि प्रदेश शासन के निर्देश पर सभी आरटीओ-एआरटीओ को निर्देश दिया गया है कि वह जिला प्रशासन के साथ मिलकर श्रमिकों को लाने-ले जाने के लिए बड़ी निजी बसें, मध्यम और छोटे वाहनों को अधिगृहीत करें। ताकि श्रमिकों को घरों तक लाने-ले जाने में वाहनों की कमी न होने पाए।
उन्होंने बताया कि हर जिले में परिवहन विभाग की तरफ से जल्द जिला प्रशासन को 200-200 निजी वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे। इन्हें अधिगृहीत करने का कार्य तेजी से शुरू हो गया है। फिलहाल उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की लगभग सभी बसें प्रवासी श्रमिकों को लाने-ले जाने में लगी हैं। इसलिए निजी वाहनों को अधिगृहीत किया जा रहा है।
लखनऊ आरटीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बड़े, मध्यम एवं छोटे निजी वाहनों को राजधानी में अधिगृहीत किया जा रहा है। जल्द ही जिला प्रशासन को करीब 200 निजी वाहन उपलब्ध करा दिये जायेंगे। इन वाहनों के चालकों-परिचालकों को मास्क, दस्ताने और सेनेटाइजर भी दिये जायेंगे। निजी वाहनों के किराये का भुगतान राजस्व विभाग की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार किया जायेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश शासन की तरफ से गत 16 मई को प्रमुख सचिव परिवहन को पत्र भेजा गया था कि राज्य के सभी जिलों से 200-200 निजी वाहन उपलब्ध कराये जायें। इसके बाद तेजी से प्रदेश के सभी जिलों में निजी वाहनों को श्रमिकों को लाने-ले जाने के लिए अधिगृहीत किया जा रहा है।