नई दिल्ली। सरकार अगले एक महीने में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का तीसरा चरण शुरू करेगी। कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडे के अनुसार इस बार योजना में जिला कौशल समितियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एसौचैम की तरफ से आयोजित वर्चुअल सम्मेलन में केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री ने स्थानीय आवश्यकताओं से कौशल कार्य को जोड़ने और इस हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार करने पर जोर दिया।
2015 में हुई थी योजना के शुरुआत
सरकार ने पीएमकेवीवाई योजना 2015 में शुरू की थी और इसे 2016 में संशोधित किया गया था। इसके तहत 2020 तक एक करोड़ लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य बनाया गया था। संशोधित योजना को पीएमकेवीवाई 2.0 कहा गया था।
क्या है योजना का उद्देश्य?
, ताकि इस ट्रेनिंग फायदा उठाकर वे या तो स्वयं का कोई काम-धंधा शुरू कर सकते हैं या कहीं नौकरी भी कर सकते हैं। इसके अलावा, इस योजना के तहत कुशल कामगारों को सरकारी स्तर पर भी नौकरी दिलवाए जाने के प्रयास किए जाते हैं। जॉब फेयर जैसे मंच इसके लिए कारगर साबित होते हैं।
मिलता है 1.5 लाख का लोन
इसमें सरकार 1.5 लाख रुपए तक लोन भी मुहैया कराती है। इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए वे लोग पात्रता रखते हैं जिन्होंने हायर सेकंडरी या पोस्ट ग्रेज्युएशन किया हुआ है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण लेने वालों के लिए सरकार की ओर से जॉब फेयर का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक 6 महीने की अवधि में यह एक बार आयोजित किया जाता है।
कैसे करा सकते रजिस्ट्रेशन
इस योजना में आवेदन के लिए http://pmkvyofficial.org पर नाम, पता और ईमेल आदि जानकारी भरनी होती है। इसके बाद आवेदक जिस तकनीकी क्षेत्र में ट्रेनिंग करना चाहता है उसे चुनना होगा। इसमें कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स ज्वेलरी और लेदर टेक्नोलॉजी जैसे करीब 40 तकनीकी क्षेत्र दिये गए हैं। इसमें पसंदीदा तकनीकी क्षेत्र के अलावा तकनीकी क्षेत्र का भी चयन करना होगा। ये जानकारियां भरने के बाद अपना ट्रेनिंग सेंटर चुनना होता।