लखनऊ के एक प्राइवेट स्कूल में हंगामा हो गया। परिजनों और स्कूल स्टाफ के बीच बहस हुई। 1 से 2 महीने की फीस जमा न होने की वजह से कई स्टूडेंट्स को सजा के तौर पर क्लास से बाहर निकाल दिया गया था। मामला एल्डिको तिराहे के पास सिद्धांत वर्ल्ड स्कूल का है।
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों ने घटना का वीडियो भी बनाया है। इसमें साफ देखा जा सकता है, कि स्कूल के रिसेप्शन पर 25-30 बच्चे-बच्चियां बिना बैग के बैठे हैं। इनमें से एक बच्ची रोते हुए नजर आ रही है। कई बच्चे दीवार की तरफ मुंह करके खड़े हैं।
मौके पर पहुंचे परिजन जब बच्चों से यह पूछते हैं, कि यहां फीस जमा न होने की वजह से बैठाया गया है? तो छोटी-छोटी बच्चियां हां में गर्दन हिलाती हैं।
पहले देखें घटना की कुछ तस्वीरें…
स्कूल टीचर और परिजनों के बीच बहस वहीं, स्कूल की एक टीचर और परिजन के बीच बहस भी हुई। स्कूल टीचर ने कहा कि हमारी लाइब्रेरी फुल हो गई है, इसलिए इन्हें यहां बैठाया गया है। वहीं, परिजनों ने कहा कि यह कहां का नियम है, कि फीस जमा न होने पर बच्चों को क्लास से बाहर कर दिया जाएगा?
इस सवाल पर स्कूल की टीचर या प्रिंसिपल ने कोई जवाब नहीं दिया। उल्टे वे अपनी कार्रवाई के पक्ष में तर्क देते रहे। इससे परिजनों का गुस्सा और भड़क गया और तीखी बहस हुई।
रिसेप्शन पर बच्चों की बेइज्जती की जाती है: परिजन सिद्धांत वर्ल्ड स्कूल पहुंचे परिजनों का आरोप था कि बिना फीस वाले बच्चों को स्कूल के रिसेप्शन पर बैठाया जाता है। बच्चों से बुरा बर्ताव करते हुए फीस की डिमांड की जाती है। इस तरह से छोटे बच्चों की बेइज्जती की जाती है।
परिजनों ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह से बच्चों को मानसिक पीड़ा दी जा रही है, ऐसे में संबंधित अथॉरिटी को एक्शन लेना चाहिए। स्कूल के सारे नियम अपने खुद के बनाए हैं, जिन्हें मानना परिजनों की मजबूरी है, लेकिन बच्चों के प्रति उनकी जिम्मेदारी के लिए कोई नियम नहीं।
BSA का फोन आने पर क्लास में दी गई एंट्री स्कूल में जब परिजनों का बवाल बढ़ा तो जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी तक पहुंची। BSA का फोन स्कूल प्रबंधन के पास पहुंचा। पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी थी। इसके बाद प्रिंसिपल ने सभी स्टूडेंट्स को क्लास में जाने की इजाजत दी।
4 महीने से नहीं जमा की थी फीस: प्रिंसिपल स्कूल के प्रिंसिपल सीएल पॉल ने बताया कि कुछ स्टूडेंट्स 4-5 महीने से स्कूल की फीस जमा नहीं कर रहे थे। कई बार मौखिक और नोटिस देकर पेरेंट्स को सूचना दी गई, लेकिन फीस जमा नहीं की जा रही थी।
स्कूल खुलने पर आज जब बकाया वाले स्टूडेंट्स आए, तो ऑफिस के पास उन्हें रोका गया। बच्चों को गेट पर रोकना ठीक नहीं था, इसलिए उन्हें लाइब्रेरी में बैठने की इजाजत दी गई। उसी समय कुछ पैरेंट्स आए और अभद्रता करने लगे।