भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में आगे आने वाले दिनों में एकबार फिर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में सेंधमारी की योजना बना ली है। कमलनाथ ने फैसला किया है कि मध्य प्रदेश की 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव पूरा होने तक वह ग्वालियर में रहेंगे। ग्वालियर में ही कांग्रेस पार्टी का चुनाव मुख्यालय बनाया जाएगा। बता दें कि ग्वालियर-चंबल संभाग की 17 सीटों पर उपचुनाव होना है। यही क्षेत्र है जो कमलनाथ के भविष्य का निर्धारण करेगा।
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा चरमराया हुआ है, जिसे नए सिरे से खड़ा करना पार्टी के लिए चुनौती बन गया है। कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात यही है कि आगामी उपचुनाव में 24 में से 16 विधानसभा सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग में पड़ती हैं।
इसको ध्यान में रखकर कांग्रेस ने फैसला किया है कि उपचुनाव होने तक पार्टी का चुनावी मुख्यालय भोपाल की बजाय ग्वालियर में रखा जाएगा। कांग्रेस पार्टी का तर्क है कि ग्वालियर में चुनावी मुख्यालय होने से आगामी उपचुनाव में हर एक सीट पर होने वाली राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी रखी जा सकेगी और उसी के अनुसार रणनीति बनाई जा सकेगी।
कमलनाथ और मुकुल वासनिक ने ग्वालियर-चंबल संभाग के उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों के प्रभारियों से इस संबंध में फीडबैक ली है। मुकुल वासनिक और कमलनाथ ने उपचुनाव वाले सभी 24 सीटों के प्रभारियों से अलग-अलग फीड बैक ली है, लेकिन 20 प्रभारी अब तक कि चुनावी तैयारी के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दे पाए।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और कमलनाथ ने मंडल और सेक्टर स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इन दोनों ने उपचुनाव वाली सभी 24 विधानसभा सीटों के प्रभारियों से संगठन में पार्टी कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा है। साथ ही गुटबाजी को बढ़ावा देने वालों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है।