गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सोनौली के लिए बन रहे फोरलेन के लिए शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर की दीवार को ढहा दिया गया। इस दौरान गोरक्षपीठ परिसर की दो दर्जन दुकानों को जमींदोज कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के कारण ये काम रोक दिया गया था। सड़क चौड़ीकरण (फोरलेन) के लिए इसे जल्द से जल्द ध्वस्त किया जाना था। लेकिन, इसमें देरी के कारण चौथे चरण के लॉकडाउन की शुरुआत में ही इस काम को शुरू कर दिया गया।
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर से महराजगंज होते हुए नेपाल के सोनौली बाॅर्डर तक रोड के चौड़ीकरण का काम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से शुरू हो गया था। शहर को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों के फोरलेन और शहर के अंदर भी सड़कों के चौड़ीकरण और नाला निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में मंदिर परिसर की दुकानें बीच में आने और उसे नहीं तोड़े जाने पर भी सुगबुगाहट तेज हो गई। दुकानों के ध्वस्तीकरण के काम में लगे महेंन्द्र कुमार ने बताया कि यहां पर सड़क के चौड़ीकरण का काम हो रहा है। जिससे यहां पर विकास हो सके।
दुकान छोटी हो जाए कोई बात नहीं, लेकिन विकास तो होगा
स्थानीय निवासी उदयराज जायसवाल ने बताया कि विकास के काम के लिए सड़क के चौड़ीकरण काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि वे सर्राफा व्यापारी हैं। उनकी दुकान छोटी हो जाएगी, तो कोई बात नहीं है। लेकिन, सड़क चौड़ी होगी। शहर का विकास होगा। उनका कहना है कि शहर में मेट्रो सेवा भी शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा कि दुकानें काफी बड़ी थी।थोड़ी छोटी हो जाएंगी, तो कोई परेशानी नहीं है।
गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि शासन-प्रशासन की जंगल कौडि़या से मोहद्दीपुर तक चौड़ीकरण की मंशा रही है। मकरसंक्रांति और अन्य आयोजनों के कारण कार्य रोक दिया गया था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण दुकानों में कोई कार्य नहीं है। ऐसे में निर्णय लिया गया कि दुकानदार खुद ही अपनी दुकानों को निर्देश के अनुसार खाली करके सहयोग दें। किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।