नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधानसभा चुनाव में जीत के बड़े दावे कर रही है। उनके नेता से लेकर कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि वह चुनाव जीत रहे हैं। फिर सवाल है कि यदि भाजपा राज्य में चुनाव जीतती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
यह सवाल लंबे समय से सियासी गलियारे में तैर रहा है और इस पर अटकले जारी हैं, क्योंकि भाजपा ने अब तक सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया है। लेकिन बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बयान देकर संशय बढ़ा दिया है। घोष ने एक बयान देकर यह संकेत दे दिया है कि मुख्यमंत्री चेहरे के लिए बीजेपी की तलाश पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में अगर भाजपा सत्ता में आती है तो सीएम उसे बनाया जाएगा जो चुनाव नहीं लड़ रहा है।
दिलीप घोष के इस बयान के बाद से ही यह अटकलें तेज हो गई हैं कि भाजपा उन्हें ही तो राज्य का सीएम नहीं बनाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष घोष ने कहा, ‘यह फैसला पार्टी करेगी लेकिन जरूरी नहीं कि किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाया जाए… जब ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी थीं तब वह विधायक नहीं थीं।’ साल 2011 में जब ममता बनर्जी ने लेफ्ट फ्रंट की सरकार को शिकस्त दी थी तब वह लोकसभा सांसद थीं। चुनाव बाद वह भवानीपुर सीट से लड़ीं। उस सीट पर उपचुनाव होना था।
दिलीप घोष ने कहा, ‘पहले चरण के वोटिंग के बाद सिर्फ भाजपा ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। तृणमूल कांग्रेस और उसके नेता परेशान हैं। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा तृणमूल कार्यकर्ताओं को अपनी हार का एहसास होता जाएगा।’
इस बयान के बाद तुरंत यह अटकलें जोर पकडऩे लगी हैं कि बंगाल में अगर बीजेपी जीतती है तो घोष ही अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
दरअसल, बंगाल में घोष ही ऐसा जाना-पहचाना चेहरा हैं जो कि मिदनापुर से लोकसभा सांसद भी हैं और जो बंगाल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
मालूम हो भाजपा ने बंगाल विधानसभा चुनावों में अपने चार लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को टिकट दिया है। इनमें केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता भी शामिल हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दिया है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान खडग़पुर की रैली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की तारीफ की थी। तभी से इस बात की चर्चा है कि दिलीप घोष ही भाजपा के लिए बंगाल में सीएम का चेहरा हो सकते हैं।
मोदी ने रैली के दौरान कहा था, ‘मैं निश्चिंत हूं कि बंगाल में हमारी सरकार आने जा रही है। यह गर्व की बात है कि हमारे पास दिलीप घोष जैसे नेता हैं। दिलीप घोष न चैन से सोए हैं और न दीदी की धमकियों से डरे हैं। उन पर अनेक हमले हुए हैं। मौत के घाट उतारने की कोशिश हुई लेकिन वह बंगाल के उज्ज्वल भविष्य का प्रण लेकर चल पड़े और आज पूरे बंगाल में नई ऊर्जा भर रहे हैं।’