मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले नकली दवाओं की सप्लाई कर अवैध कमाई की जा रही है। इसका खुलासा बुधवार को औषधि विभाग की छापेमारी से हुआ। टीम ने लाखों रुपए की नकली दवाएं बरामद की है। हालांकि, कार्रवाई के दौरान आरोपियों ने औषधि विभाग की टीम का विरोध किया और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
एक रिक्शाचालक से खुली पोल
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि शहर में नकली दवाई की सप्लाई की जा रही है। सूचना पर टीम ने एक रिक्शा में जा रही दवाओं को पकड़ा। पूछताछ में कुछ और जानकारी सामने आने पर बुधवार को टीम ने तिरंगा गेट के पास छापेमारी की।
तीन लोगों के यहां पड़े ताबड़तोड़ छापे
औषधि निरीक्षक पवन शाक्य ने बताया कि, एफएसडीए की टीम ने स्टेट बैंक कॉलोनी के सामने अफसर अली के घर पर छापा मारा। यहां से नकली दवा बरामद हुई। पूछताछ में अफसर ने जो जानकारी दी उसके आधार पर टीम मुस्तकीम नाम के व्यक्ति के घर पर छापेमारी की, यहां से भी टीम को बड़ी संख्या में नकली दवाइयां बरामद हुईं।
यहां बरामद दवा की कीमत करीब पांच लाख है। आदिल नाम के एक अन्य व्यक्ति के यहां छापेमारी की गई तो वहां से भी करीब 12 लाख रुपए की नकदी दवाइयां बरामद हुई। टीम ने सभी दवाईयों को अपने कब्जे में ले लिया। बरामद दवाइयों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
आरोप है कि छापेमारी के दौरान आदिल के यहां टीम का विरोध किया गया। यहां टीम पर हमला बोलते हुए उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। हमले में टीम के दो सदस्यों को चोटें भी आई। एफएसडीए टीम की ओर से आरोपी के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट थाने में रिपोर्ट कराई गई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर इनके नेटवर्क के बारे में जानकारी जुटा रही है। बताया जा रहा है कि रूड़की में किसी फैक्ट्री में यह दवाइयां तैयार की गई हैं। इस मामले में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला का कहना है कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।