लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव व आगमी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) भी पूरे दम-खम के साथ नई रणनीति बनाने में लग गई है। चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिए हैं।
बुधवार को पार्टी कार्यालय में बसपा प्रमुख मायवती ने 75 जिलों के संगठन पर जोर देने को लेकर समीक्षा बैठक की। छोटी-छोटी बैठक के जरिए राज्य-केंद्र सरकार की गलत नीतियों का प्रचार कर जनता को बसपा के मूमेंट में जुड़ने को लेकर पदाधिकारी को दिशा-निर्देश दिए।
यूपी के सभी 18 मंडल व 75 जिलों के पार्टी पदाधिकारियों के साथ क्षेत्र में पार्टी की गतिविधियों के संबंध में गहन समीक्षा की। इसके साथ ही मायावती ने सभी पदाधिकारियों को 15 मार्च को होने वाले बसपा के जन्मदाता व संस्थापक कांशीराम की जंयती को प्रदेश के हर मंडल में संगोष्ठी के माध्यम से बनाने का आदेश दिया है।
जिसमें से केवल लखनऊ, कानपुर व फैजाबाद मंडल के लोग, लखनऊ में स्थित कांशीराम स्मारक स्थल में और मेरठ मंडल के लोग नोयडा में स्थित दलित प्रेरणा स्थल में पहुंचकर, उनको अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। लेकिन ये सभी कार्यक्रम कोरोना महामारी प्रकोप से संबंधित सरकारी नियमों-निर्देंशों आदि का पालन करते हुए व आवश्यक पूर्वानुमति के साथ ही मनाया जाना चाहिए।
मायावती ने कहा कि बीजेपी अगर शक्तिशाली व सरकार में है तो इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेवार व कसूरवार खुद कांग्रेस पार्टी व उसकी गलत व जनविरोधी भ्रष्ट नीतियां हैं। छोटी-छोटी कैडर व मीटिंगों के माध्यम से केंद्र व यूपी सरकार की गलत व जनविरोधी नीतियों व कार्यकलापों के संबंध में लोगों को और अधिक जागरूक करने का काम व्यापक स्तर पर लगातार जारी रखें।
बसपा मिशन व मूवमेन्ट के लिए दोनों ही पार्टियां बराबर की जिम्मेवार हैं, कोई कम तो कोई ज्यादा अर्थात बहुजन समाज व अपरकास्ट समाज के गरीबों को अपना उद्धार स्वयं करने के योग्य बनना है तो गुलाम मानसिकता वाले समाज के बिकाऊ लोगों से सावधान रहना बहुत ही जरूरी है।