बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच के महसी तहसील में बाढ़ ने दस्तक दे दिया है। बाढ़ के पानी से लगभग दर्जनों गांव घिर चुके है। लोग अपने घरों में घुसे बाढ़ के पानी से बचने के लिए मचान पर जिंदगी बितानी शुरू कर दिए है। प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं करने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है। भरे बाढ़ के पानी से व प्रशासन कोई व्यवस्था न होने से ग्रामीणों में त्राहि-त्राहि मचा हुआ है। महसी तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है, लेकिन बाढ़ से अभी तक लोगों को निजात नहीं मिली है।
तहसील क्षेत्र के सिलौटा, तारापुरवा, छत्तरपुरवा, मांझा दरिया बुर्द, रामदहिनपुरवा, जंगलपुरवा, पंडितपुरवा, जोगापुरवा, रानीबाग, जोगलापुरवा, तारापुरवा समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। घरों में पानी घुसने से लोगों के सामने समस्या उत्पन्न हो गई है। ग्रामीण मचान बनाकर जीवन काटने को विवश हैं। लेकिन खाना बनाने से लेकर पीने के पानी की समस्या लोगों को परेशान कर रही है।
इंडिया मार्का हैंडपंप व घरों में लगे हैंडपंप बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। बाढ़ से मजबूर ग्रामीण आधे से एक किलोमीटर की दूरी तय कर पानी पीने के लिए ला रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को इमदाद नहीं मिल सका है। बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए उपजिलाधिकारी एसएन त्रिपाठी ने ग्राम पंचायत जैतापुर के तारापुरवा, जोगलापुरवा, रानीबाग, सिलौटा, जोगापुरवा, गोलागंज व टिकुरी का निरीक्षण किया। पीड़ित परिवारों को तिरपाल व खाद्यान्न उपलब्ध कराया है।
अभी तक ग्रामीणों को नहीं वितरित हुआ लंच पैकेट
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से पूर्व बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया था। जगह-जगह राजस्वकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई। महसी तहसील के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। ग्रामीण खाना से लेकर पानी तक को मोहताज हैं। लेकिन तहसील प्रशासन की ओर से अभी तक पीड़ितों को लंच पैकेट भी नहीं दिया गया है। जिससे कई ग्रामीण दो से तीन दिनों बिना खाना खाये समय काट रहे हैं।