वॉशिंगटन। राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने अब तक दो राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बातचीत की है। पहला फोन उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को किया था। दूसरा फोन उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को किया। CNN के मुताबिक, पहली ही बातचीत में दोनों नेताओं के कुछ मुद्दों पर मतभेद सामने आए। बाइडेन ने पुतिन के सामने अमेरिका में सायबर अटैक और रूस के विपक्षी नेता नेवेल्नी को जहर दिए जाने का जिक्र तो बातचीत में कड़वाहट घुल गई।
बाइडेन ने इरादे जाहिर कर दिए
पुतिन से पहली बातचीत को लेकर अमेरिकी मीडिया में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। usatoday के मुताबिक, पुतिन और बाइडेन की बातचीत से एक बात तो साफ है कि अमेरिका की नई सरकार रूस की हरकतों को कतई सहन नहीं करेगी। बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन से यह उनकी पहली बातचीत थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति विवादित मुद्दों का जिक्र करने से नहीं चूके। CNN ने भी इसी तरह का रुख जाहिर किया है।
दो मुद्दों पर तनातनी ज्यादा
बाइडेन और पुतिन के बीच दो मुद्दों पर तनातनी ज्यादा दिख रही है। पहला- अमेरिका में रूस से होने वाले सायबर अटैक। दूसरा- रूस के विपक्षी नेता नेवेल्नी को जहर दिए जाने का शक। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा- बातचीत का मकसद एटमी करार को आगे बढ़ाने पर विचार करना भी था।
इसके अलावा भी कई मुद्दे थे। हमारे पास खबरें हैं कि रूस ने अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को मारने के लिए इनाम देने का ऐलान किया है। उसने चुनाव में गड़बड़ी की साजिश रची। अपने नेताओं को जहर दिया।
पास्की ने कहा- प्रेसिडेंट बाइडेन ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि अमेरिका राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए तैयार है और वो रूस की हर हरकत का जवाब भी देगा।
बढ़ सकता है तनाव
अमेरिका और रूस के बीच कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर आने वाले दिनों में तनाव बढ़ सकता है। सीरिया में रूस की दखलंदाजी और भारत समेत कुछ देशों को एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की सप्लाई इनमें शामिल हैं।
इलेक्शन कैम्पेन के दौरान बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प पर रूस का मोहरा होने के आरोप लगाए थे। बाइडेन ने कहा था- ट्रम्प को रूस से मदद मिल रही है। हमारे देश पर सायबर अटैक हो रहे हैं। मैं इनका जवाब देने के लिए तैयार हूं।
माना जा रहा है कि बाइडेन का अगला फोन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जा सकता है। दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव हैं और बाइडेन कैम्पेन के दौरान साफ कर चुके हैं कि अमेरिका को सबसे बड़ी चुनौती चीन से मिल रही है। दक्षिण चीन सागर में दोनों देशों के वॉरशिप आमने-सामने हैं।