वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जर्मनी से सेना वापस बुलाने के फैसले की समीक्षा कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल जुलाई में सेना की तैनाती में कमी करने का फैसला किया था। यूरोपियन कमांड (USEUCOM) के चीफ जनरल टॉड वाल्टर ने बताया कि मामले में विचार चल रहा है। US सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस लॉयड ऑस्टिन इस पूरे मामले को बारीकी से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
नागरिकों और मिलिट्री से सलाह ली जा रही
USEUCOM के कमांडर ने बताया कि इस मामले में नागरिकों और मिलिट्री लीडरशिप से सलाह ली जा रही है। इसके बाद ही जर्मनी से सेना की वापसी के बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। हालांकि ट्रम्प के फैसले को पलटा जाएगा या नहीं, इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
पिछले साल जुलाई में हुआ था ऐलान
पिछले साल जुलाई में अमेरिकी सरकार ने जर्मनी से धीरे-धीरे सेना कम करने का फैसला किया था। ट्रम्प प्रशासन ने ऐलान किया था कि जर्मनी से करीब 12 हजार सैनिक वापस बुलाए जाएंगे। विशेषज्ञों ने ट्रम्प के इस फैसले को जर्मनी के लिए सजा बताया था। उनका दावा था कि जर्मनी अपने रक्षा बजट को NATO रेगुलेशन के मुताबिक बढ़ाने से मना किया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
महाभियोग मामले में सुनवाई अगले हफ्ते
ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग को लेकर उनकी लीगल टीम और डैमोक्रेटिक सांसदों ने बुधवार को दलीलें पेश कीं। डैमोक्रेटिक सांसदों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पिछले महीने अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल पार्क) पर धावा बोलने के लिए अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को उकसाया था। दूसरी ओर, ट्रम्प की लीगल टीम ने दलील दी कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का मामला पूरी तरह असंवैधानिक है, क्योंकि वह पहले ही इस पद को छोड़ चुके हैं।
तीन प्रेसिडेंट्स पर लग चुका है महाभियोग
अमेरिका के संसदीय इतिहास में अब तक कुल तीन राष्ट्रपति ही महाभियोग के मामले में संसद में पेश हुए हैं। ये हैं – एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रम्प। एंड्रयू जॉनसन और बिल क्लिंटन दोनों को ही सीनेट ने पद से नहीं हटाया था। वहीं, राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था।