लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में आरोपियों की गवाही पूरी हो चुकी है। गुरुवार को अदालत ने आरोपित पवन कुमार पांडेय समेत 17 लोगों को सफाई साक्ष्य पेश करने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। जबकि, शेष अन्य आरोपियों को 31 जुलाई को साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया है। वहीं, विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फरार चल रहे आरोपी ओम प्रकाश पांडेय के जमानतदारों को नोटिस जारी करने के लिए कहा है।
वकील ने लगाई अर्जी, लिखा- दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल करना चाहते हैं
इससे पहले मंगलवार को शिवसेना के पूर्व सांसद सतीश प्रधान ने अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया। वे निर्दोष हैं। सतीश प्रधान इस केस में 31वें आरोपी हैं। जबकि एक अभियुक्त ओम प्रकाश पांडेय को फरार घोषित करते हुए अदालत ने उसकी पत्रावली अलग कर दी थी। विशेष अदालत ने इसके बाद सभी अभियुक्तों को 30 जुलाई को अपना सफाई साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया था।
गुरुवार को अभियुक्त पवन कुमार पांडेय समेत 17 अभियुक्तों की ओर से उनके वकील ने एक अर्जी दाखिल की। यह कहते हुए कि वो इस मामले में दस्तावेजी साक्ष्य दाखिल करना चाहते हैं। इसकी प्रति प्राप्त करने के लिए समय की आवश्यकता है। लिहाजा उन्हें 15 दिन का समय दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई हो रही थी
सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को सीबीआई की विशेष कोर्ट को 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहों के बयान दर्ज करने का भी आदेश दिया था।
1992 में दर्ज हुआ था केस
अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के मामले में 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में एफआईआर दर्ज की गई थी। सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। चार्जशीट में आडवाणी, उमा भारती, कल्याण सिंह, अशोक सिंघल, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा समेत 13 नेताओं के नाम हैं।