बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले का मामला सामने आया है। यहां करीब ढाई लाख लोग अपात्र मिले हैं। किसी के घर चार-चार लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं तो कोई शिक्षक होने के बावजूद सरकारी लाभ पा रहा है। अब अपात्रों से धनराशि की रिकवरी शुरू की गई है। साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि इस जालसाजी में संलिप्तता किसकी है? वहीं, अपात्र किसानों पर धनराशि वापस करने का दबाव बनाया जा रहा है।
योजना के लिए ये रखी गई थी शर्तें
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की थी। इसके तहत किसानों को सालभर में दो-दो हजार की तीन किश्तें यानी छह हजार रुपए मिलते हैं। इसमें लघु एवं सीमांत किसानों को शामिल किया गया था। स्पष्ट किया गया था कि परिवार में केवल एक ही व्यक्ति पात्र होगा। पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से वंचित रखने का प्रावधान है।
बाराबंकी जिले में करीब 5 लाख 25 हजार किसानों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 4.98 लाख लोगों ने धनराशि दी गई है। लेकिन अब 2.49 लाख किसान अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। इन किसानों से अब तक 1.38 लाख रुपए की रिकवरी की गई है। जबकि घोटाला 299 करोड़ से ज्यादा धनराशि का है। अब तहसील प्रशासन रुपए की रिकवरी के लिए दंडात्मक कार्रवाई की तरफ बढ़ रहा है।
एक पहलू ये भी
जिले में तमाम किसान ऐसे भी हैं, जिन्हें एक साल में महज एक या दो किस्त ही मिली है। किसी को केवाईसी कराने के लिए तो किसी को आधार अपडेट नहीं होना बताया जाता है। महिला किसान सीमा देवी ने बताया कि हर रोज यहां करीब सैकड़ों की संख्या में किसान आते हैं। कृषि विभाग में काउन्टर संभाल रहे कनिष्ठ सहायक मनीष कुमार ने बताया कि जिनके अकाउंट में दिक्कत है, उन्हें बैंक भेजा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का समाधान हो रहा है।
कोई भूमिहीन तो कोई शिक्षक, मगर ले रहे थे रुपए
- नगर कोतवाली के विजय नगर पइसार के रहने वाले सुभाष चंद्र वर्मा योजना के लाभार्थी हैं। इनके परिवार में तीन अन्य लोग भी योजना का लाभ ले रहे हैं। इनके पास भूमि नहीं है। बावजूद इसके इनके खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ है।
- फूलमती पत्नी मायाराम टेराकला देवां के निवासी हैं। इनके खाते में भी पैसा गया, जबकि यह पेंशनर हैं।
- हैदरगंज में मंजपुरवा गांव के रहने वाले राघवेंद्र पांडेय सरकारी अध्यापक होने के बावजूद इनके खाते में 12 हजार रुपए गए। अब इनसे वसूली हो रही है।
क्या कहते हैं अफसर?
उपनिदेशक कृषि अनिल कुमार सागर ने बताया कि कुछ अपात्र लोगों को भी पैसा चला गया था। इसकी रिकवरी के लिए सूचना भेजी गई है और एक लाख रुपए से ज्यादा की रकम वापस जमा भी हो गयी है। जो लोग बचे हैं उनको भी सूचना भेजी गई है। अगर धनराशि वापस जमा नहीं होती है तो संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।