बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी की अवैध इमारत को गिराने की कार्रवाई शुरू

लखनऊ। हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम के बगल में बनी रानी सल्तनत का प्लाजा इमारत को ध्वस्त करने का काम शनिवार सुबह शुरू कर दिया। मुख्तार अंसारी के करीबी का बताया जा रहे इस अवैध प्लाजा को गिराने को लेकर एक महीना पहले ही लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने दिया था।

लखनऊ के डीएम व एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मुख्तार अंसारी का डायरेक्ट नहीं, लेकिन उनके करीबियों से जुड़ा या भवन होना पाया गया है। फिलहाल हम अवैध निर्माण के तहत कार्रवाई कर रहे हैं।

LDA सचिव ऋतु सुहास की मौजूदगी में हो रही है कार्रवाई
लखनऊ विकास प्राधिकरण किस संयुक्त सचिव ऋतु सुहास के नेतृत्व में ज़ोन 6 में बने प्लाजा की कार्रवाई की जा रही है। सुबह 6:00 बजे से शुरू हुई कार्रवाई 5 घंटे बाद भी जारी है। अवैध रूप से बनाए गए तीन मंजिला प्लाजा मैं शीशे और संगमरमर के पत्थरों से दुकानें बनाई गई थी।

हजरतगंज गांधी आश्रम के बगल में बनाया प्लाजा रानी सल्तनत का हैं। प्राधिकरण के ज़ोन 6 हजरतगंज गांधी आश्रम के बगल में अवैध निर्माण ध्वस्त हो रहा है। संयुक्त सचिव ऋतु सुहास , अधिशाषी अभियंता कमलजीत, अवर अभियंता भरत पांडेय, अवर अभियंता नित्यानन्द चौबे और सहायक अभियंता एन एस शाक्य टीम के साथ काम्पलेक्स गिराने में जुटे हैं।

मुख्तार अंसारी के करीबी का मकान गिराने की कार्रवाई शुरू की गई।
मुख्तार अंसारी के करीबी का मकान गिराने की कार्रवाई शुरू की गई।

साल 2005 से चल रहा है अवैध निर्माण का पूरा मामला

रानी सल्तनत बेगम औऱ अन्य के खिलाफ एलडीए ने 2005 में कारण बताओ नोटिस भेजा था।जिसमें रानी सल्तनत बेगम द्वारा स्थल पर स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध साइट सेट बैक व रियर सेट बैक कवर करके अनाधिकृत रूप से निर्माण कराया गयाऔर निर्माण कार्य को बंद नहीं किया गया।

जारी पत्र में एलडीए ने यह भी बताया गया कि, रानी सल्तनत बेगम वह अन्य से पूछा गया कि,आखिर अवैध निर्माण को क्यों ना गिराया जाए?लेकिन रानी सल्तनत बेगम व अन्य लोग उपस्थित नहीं हुए ना ही उनके द्वारा कोई जवाब या साक्ष्य प्रस्तुत किया गया जबकि विपक्षियों को जवाब व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए, लखनऊ विकास प्राधिकरण अवसर भी दिया था।

बिल्डिंग निर्माण गलत तरीके से कराया गया जिसमें विपक्षी द्वारा स्वीकृत मानचित्र के विरुद्ध अनाधिकृत रूप से भवन निर्माण कराया गया जोकि प्रवर्तन और भवन विभाग की आख्या में स्पष्ट है कि,रानी सल्तनत बेगम व अन्य मानचित्र के विरुद्ध निर्माण कराए गए हैं,गलत नक्शे पर,भवन निर्माण के चलते बिल्डिंग गिराने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।

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