आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भले ही उपचुनाव के दौरान आजमगढ़ नहीं पहुंचे लेकिन अब बाहुबली रमाकांत यादव से मिलने पहुंचे हैं। सपा से विधायक रमाकांत यादव इस समय जहरीली शराब कांड में जेल में बंद हैं। जेल में ही अखिलेश रमाकांत से मुलाकात की। अखिलेश यादव के आजमगढ़ आने और रमाकांत से मिलने को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुलाकात के बाद अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा। कहा कि विपक्षियों को सरकार के इशारे पर जेलों में भेजा जा रहा है। अखिलेश ने इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़ दिया। कहा कि 2024 की तैयारी बीजेपी ने अभी से शुरू कर दी है। विपक्षियों पर कार्रवाई इसी तैयारी का एक हिस्सा है।
रमाकांत से मुलाकात के बाद अखिलेश ने कहा कि 20 साल पुराने मामले में जानबूझकर सरकार के इशारे पर जेल भेजा गया है। लगातार उन पर झूठे मुकदमे सरकार के इशारे पर लगाए जा रहे हैं। सरकार चाहती है वह जेल से न निकलें। अखिलेश ने कहा कि भाजपा 2024 की अभी से तैयारी कर रही है। विपक्ष के लोगों पर झूठे मुकदमे लगाना, प्रशासन से उन पर कार्रवाई कराना 2024 की तैयारी है।
अखिलेश ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई पर सरकार कुछ नहीं कर रही है। बेरोजगारी का आलम यह है कि अकेले फर्रुखाबाद में एक लाख 13 हजार युवकों ने अग्निवीर के लिए फार्म भरा है। इसमें से एक लाख 10 हजार से ज्यादा वापस आएंगे। विपक्ष के लोग इन मुद्दों पर उंगली न उठाएं इसलिए नेताओं पर कार्रवाई हो रही है। आजमगढ़ में रमाकांत हों या रामपुर में आजम खान, दोनों पर झूठे मुकदमे लगाए गए हैं। केवल लोगों का ध्यान महंगाई से हटाने के लिए विपक्षी नेताओं को निशाने पर लिया जा रहा है।
करीब सवा दो बजे अखिलेश यादव इटौरा स्थित जेल के अंदर पहुंचे। करीब एक घंटे का समय मुलाकात के लिए मिला है। रमाकांत को बैरक से बाहर निकालकर हाल में मुलाकात हो रही है। अखिलेश के आगमन को देखते हुए शहर से लेकर इटौरा जेल तक जगह जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है। एसपी सिपी शैलेंद्र लाल स्वयं पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
इससे पहले अखिलेश 17 मई को सपा के पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव की मां के देहांत पर आजमगढ़ आए थे। एमएलसी चुनाव और फिर लोकसभा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद ये अखिलेश का आजमगढ़ का पहला दौरा है। दो चुनावों में सपा को अपने ही गढ़ में हार मिलने के बाद अखिलेश के इस दौरे को सीधे तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
अखिलेश आजमगढ़ से सांसद रहे हैं। यहां हुए लोकसभा उपचुनाव में वो प्रचार के लिए नहीं आए थे। जबकि उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव सपा से प्रत्याशी थे। सपा को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरे के जरिये अखिलेश फिर आजमगढ़ में सक्रिय होने जा रहे हैं।
अखिलेश यादव को आजमगढ़ आने का कार्यक्रम 3 बार बदला है। पहले अखिलेश 20 अगस्त को आना था। अचानक कार्यक्रम में बदलाव हुआ और 21 अगस्त को आने का प्रोग्राम बना। फिर नए प्रोटोकॉल में 23 अगस्त को आना फाइनल हो गया। अब 22 को ही पहुंच गए।
पांच बार विधायक और चार बार सांसद रहे रमाकांत यादव
रमाकांत यादव अब तक पांच बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं। रमाकांत यादव 1985 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने थे। इसके बाद 1991 और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गए। 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता।
1999 में दोबारा सपा से सांसद बने। 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद बने। 2009 में भाजपा ने टिकट दिया और लोकसभा पहुंचे। 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के टिकट पर भदोही से लोकसभा का चुनाव लड़ा। पिछले चुनाव से पहले फिर सपा में आए और विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।