कानपुर। बिकरु कांड से सबक लेते हुए उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस अब चुस्त-दुरुस्त व तेज तर्रार सिपाहियों की एक ऐसी टीम खड़ी कर रही है जो हिस्ट्रीशीटर-गैंगस्टर जैसे शातिर अपराधियों व विपरीत परिस्थितियों से मोर्चा लेंगे। अचूक निशाना रहे, इसके लिए असलहों का प्रयोग भी नए सिरे से समझाया जा रहा है।
प्रथम चरण में 75 सिपाहियों को चयन किया गया है। इन्हें कानपुर पुलिस लाइन में एक माह की ट्रेनिंग दी जा रही है। बाद में वाराणसी के CRPF ट्रेनिंग सेंटर भी सिपाहियों को भेजा जाएगा।
SIT ने पुलिसिंग में सुधार की सिफारिश की थी
कानपुर में चौबपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में बीते साल 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकी सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। विकास दुबे ने उस वक्त हमला किया था, जबकि पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी करने उसके घर पहुंची थी।
लेकिन पुलिस खुद बदमाशों से घिर गई। इस घटना से उत्तर प्रदेश पुलिस की दबिश से पूर्व तैयारियों की पोल खोलकर रख दी थी। इस प्रकरण की जांच करने वाली SIT ने पुलिसिंग में सुधार की सलाह दी थी।
हर विपरीत परिस्थिति से निपटेंगे सिपाही
इसके बाद कानपुर पुलिस के अफसरों ने एक मजबूत टीम को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समस्त थानों से 75 सिपाहियों का चयन किया गया है। ये सभी सिपाही 2018 के बैच के हैं। वर्ष 2002 से 2006 के बीच कारबाइन शूटिंग में इंडि़या पुलिस की ओर से खेल चुके SI राघवेन्द्र त्रिपाठी चयनित सिपाहियों को प्राथमिक ट्रेनिंग दे रहे हैं।
राघवेंद्र त्रिपाठी ट्रेनिंग के दौरान सिपाहियों को असलहा चलाने के लिए अलावा भीड़, नियंत्रण‚ आपदा प्रबंधन‚ दंगा नियंत्रण और किसी भी परिस्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। सिपाहियों को ट्रेनिंग देने के साथ ही उन्हें सभी प्रकार की विकट परिस्थितियों से जूझना सिखाया जा रहा है और असलहा के बारे में बारीक से बारीक जानकारी भी दी जा रही है।