बिकरु शूटआउट : तीन बड़े अफसरों और 13 पुलिसकर्मियों की काली कमाई पर ईडी की नजर

कानपुर। बिकरु शूटआउट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने 13 पुलिसकर्मी और तीन बड़े पुलिस अधिकारियों को रडार पर लिया, जिन्होंने कानपुर में रहते हुए कुछ सालों में अकूत संपत्ति कमाई है। ये सभी गैंगस्टर विकास दुबे और उसके खास साथी व फाइनेंसर जय बाजपेयी के संपर्क में थे। ईडी ने कन्नौज में एएसपी रहे केसी गोस्वामी की रिपोर्ट को भी आधार बनाया है। जल्द ही इन पुलिसकर्मियों से पूछताछ के लिए ईडी नोटिस जारी करेगी।

ईडी की तरफ से कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल को 6 जुलाई को एक पत्र भी लिखा गया था। ईडी की एक टीम ने प्रॉपर्टी डिटेल के लिए आईजी से मुलाकात भी की थी। इसके बाद ईडी को दस्तावेज सौंपे गए थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो विकास और उसके करीबियों ने दुबई और थाईलैंड में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी थी। उसने पिछले 3-4 साल में 10 से ज्यादा देशों की यात्रा की। विकास के कानपुर के ब्रह्मनगर, आर्यनगर के एक अपार्टमेंट में फ्लैट और पनकी में एक कोठी की जानकारी मिली है।

एएसपी केसी गोस्वामी कि जांच रिपोर्ट बनी आफत

दरअसल साल 2018 में एएसपी केसी गोस्वामी ने कन्नौज में तैनाती के दौरान एक शिकायत पर तत्कालीन आईजी आलोक कुमार के आदेश पर जांच की थी। वर्ष 2018 में हुई जांच में उनको जय बाजपेयी और उससे जुड़े तमाम लोगों के बारे में गंभीर तथ्य मिले थे। इसमें बजरिया, नजीराबाद, एलआईयू और पुलिस के पासपोर्ट कार्यालय में काम करने वाले 13 पुलिस वालों के नाम शामिल थे। ईडी ने सबूत जुटाए तो तीन बड़े अधिकारियों के भी नाम सामने आए हैं।

जय बाजपेयी विकास का करीबी, दोनों में लेन-देन होता था

दरअसल, यूपी एसटीएफ ने कानपुर के रहने वाले जय बाजपेयी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जय को विकास का खास माना जाता था। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जय ही विकास की काली कमाई को सफेद में बदलता था। उसने विकास का पैसा हवाला, प्रॉपर्टी और अन्य कारोबार में लगाया। जांच में विकास की कई अवैध संपत्तियों के अलावा जय के साथ उसके लेन-देन का भी पता चला है।

क्या है कानपुर शूटआउट?

कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसकी गैंग ने 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। अगली सुबह से ही यूपी पुलिस विकास गैंग के सफाए में जुट गई। 9 जुलाई को उज्जैन के महाकाल मंदिर से सरेंडर के अंदाज में विकास की गिरफ्तारी हुई थी। 10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत छह एनकाउंटर में मारे गए हैं।

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