प्रयागराज। कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट ने प्रदेश में कानून व्यवस्था के दावों की पोल खोल दी है। राज्य के कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लिए एडीजी प्रशांत कुमार का दावा है कि, यूपी में हर तरह के अपराधों में कमी आई है। ऐसा हो भी सकता है।
हम पूरे प्रदेश की बात न करते हुए सिर्फ एक जनपद प्रयागराज की बात करते हैं। यहां कोरोना काल में 25 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन के बाद 68 दिनों में चार सामूहिक हत्याएं हुईं। यदि जनवरी से अब तक के आंकड़ें देखें तो छह बड़ी वारदातों को बदमाशों ने अंजाम दिया और 23 लोग मारे गए।
हैरानी की बात ये है कि शहर हो या गांव, कस्बा हो या मोहल्ला जनपद का कोई भी इलाका इस तरह की घटनाओं से अछूता नहीं है। इन सामूहिक हत्याकांड में कहीं पारिवारिक विवाद है, तो कहीं जमीन की रंजिश। अभी कई ऐसी वारदातें हैं जो पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। कुम्भ नगरी प्रयागराज में सामूहिक हत्याओ के इस ट्रेंड से हर कोई सहमा हुआ है। इन हत्याओं में लॉकडाउन के दौरान घर में रहने वालों में डर समा गया। वो कौन सी बड़ी वारदातें हैं? आइए जानते हैं…
पहली वारदात: मांडा में तीन लोगों का सोते समय हुआ कत्ल
तारीख 7 मई। यमुनापार के मांडा थाना क्षेत्र के अंधियारी गांव में बुजुर्ग नंदलाल यादव और उनकी पत्नी छबीला देवी (48) और बेटी राज दुलारी (16) की रात में सोते समय कातिलों ने बड़ी बेरहमी से गला रेत कर हत्या कर दी। कातिल कौन है? हत्या की वजह क्या है? अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पाई है। हालांकि हर दिन इस मामले में जांच पड़ताल चल रही है। पुलिस जमीन का विवाद, प्रेम संबंध, पारिवारिक विवाद और बावरिया गैंग पर काम कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि इस जघन्यता में कोई अपना ही शामिल है। लेकिन वो कौन है, अभी ये पता नहीं चला है।
दूसरी वारदात: इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी दम्पती और बहू-बेटी का कत्ल
तारीख 14 मई थी। शहर के धूमनगंज थानांतर्गत प्रीतम नगर कॉलोनी में दिन दहाड़े व्यापारी तुलसीदास, उनकी पत्नी किरण, बेटी निहारिका और बहू प्रियंका की गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार, व्यापारी के बेटे अतीश केसरवानी ने सुपारी देकर अपने परिजनों की हत्या कराई थी। उसने दरवाजा खोलकर कातिलों को घर के अंदर बुलाया था। इसमें अतीश की प्रेमिका, नौकर, नौकर का मामा और खुद अतीश गिरफ्तार हो चुके है।
तीसरी वारदात: सीआरपीएफ के जवान ने पत्नी और दो बच्चों की हत्या के बाद आत्महत्या की, वजह आज तक स्पष्ट नहीं
16 मई को गंगापार के थरवई थानांतर्गत सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पडिला में सरकारी घर में रह रहे सीआरपीएफ जवान विनोद कुमार यादव ने अपनी पत्नी विमला यादव, बेटे संदीप यादव और बेटी सिमरन यादव की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी। एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत से सीआरपीएफ कैंप में हड़कंप मच गया था। परिजन भी समझ नहीं पाए कि ऐसा क्या हुआ कि एक साथ पूरे परिवार को समाप्त कर दिया। विनोद कुमार मूलतः प्रयागराज के ही मेजा थाना क्षेत्र का रहने वाला था। इसमें भी विभागीय उत्पीड़न से लेकर पारिवारिक कलह तक की बातें सामने आई जरूर, लेकिन पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
चौथी वारदात: जमीनी विवाद में तीन सगे भाइयों की पीट-पीटकर की गई हत्या
20 मई को यमुनापार के कोरांव थानान्तर्गत निश्चिंतपुर गांव में जमीन के विवाद में तीन सगे भाइयों की हत्या हो गई। जमीन के विवाद को लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई। जिसमें एक भाई इन्द्र बहादुर यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो भाइयों रामजी और रवीन्द्र ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ा था।
मारपीट के दौरान परिवार की दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं थी। हत्या का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जो रोंगटे खड़े करने वाला था। इस घटना में तीन लोगों को पुलिस ने उसी दौरान और बाकी लोगों को बाद में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। गांव में आज भी मातमी सन्नाटा पसरा है।
पांचवीं वारदात: तीन बच्चों संग वैद्य पिता की हत्या, महिला घायल
3 जुलाई को होलागढ़ थानान्तर्गत बरई हरखपुर गांव के लाला तालाब मजरे में एक ही परिवार के चार लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। हमले में घायल एक महिला की हालत अभी भी नाजुक है। शुरूआती जांच में सामने आया कि गरीब परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं थी। घर का मुखिया विमिलेश पांडेय (45) जड़ी बूटी की दवा बेचकर परिवार का भरण पोषण करता था। मृतकों में विमलेश के अलावा उनके बेटे प्रिंस पांडेय (18), दो बेटियों सृष्टि पांडेय (19) व श्रेया पांडेय (22) शामिल हैं। उनकी घायल पत्नी रचना पांडेय की हालत नाजुक है। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना में भी पुलिस के हाथ अभी जांच पड़ताल तक ही सीमित है। किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच पाए हैं।
साल की शुरुआत में एक ही परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या से हुई थी शुरुआत
इस साल 5 जनवरी को प्रयागराज में सामूहिक हत्याकांड की पहली वारदात हुई थी। सोरांव थाना क्षेत्र के यूसुफपुर गांव में 5 लोगों की हत्या हुई थी। इस गांव के 55 वर्षीय विजय शंकर तिवारी उनके 30 वर्षीय बेटे सोनू तिवारी, 28 वर्षीय बहू सोनी तिवारी और दो पोते 7 वर्षीय कान्हा और 3 वर्षीय कुंज की गला रेत कर हत्या हो चुकी है। जिसका आज तक खुलासा नहीं हो पाया है।
राज्य में अपराध की मौजूदा स्थिति
एडीजी प्रशांत कुमार ने बुधवार को यूपी में अपराध की मौजूदा स्थिति की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों की तुलना में इस साल यूपी में डकैती केस में 35.74 फीसदी की कमी आई है। लूट के केस 44.17 फीसदी कम हुए हैं। वहीं, हत्या के मामले में 7.91 फीसदी की कमी आई है। अपहरण के मामलों में 41 फीसदी की कमी हुई है। दहेज हत्या केस 6.34 फीसदी कम हुए। बलात्कार के मामलों में 25.41 फीसदी की कमी आई है।