लखनऊ। राजधानी लखनऊ में गुरुवार को बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां बख्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र के देवरई गांव में घर के बाहर खेल रहे तीन बच्चे करंट की चपेट में आ गईं। इससे एक परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई है। जबकि एक की हालत नाजुक है। उसे बीकेटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सिविल अस्पताल लखनऊ रेफर किया गया है। इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है।
खेलते वक्त हुआ हादसा
देवरई गांव निवासी विमल तिवारी और दिलीप तिवारी भाई हैं। दोनों मजदूरी करते हैं। गुरुवार दोपहर विमल की बेटी सोनी (3), उसकी बहन शिवानी (5) और दिलीप की बेटी सुंदरा (7) घर के बाहर खेल रही थीं।इस दौरान बिजली का जर्जर तार घर के गेट से छू रहा था। जिससे उससे में करंट उतर आया था।
खेल-खेल में बच्चों ने गेट को छू लिया। जिससे तीनों करंट की चपेट में आ गए। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर दौड़े। लेकिन सोनी व शिवानी की तड़प तड़पकर मौत हो गई। ग्रामीणों ने किसी तरह तारों को हटाकर तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी पहुंचाया। जहां सोनी व शिवानी को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों में घटना को लेकर आक्रोश
जबकि सुंदरा की हालत गंभीर देख प्राथमिक इलाज के बाद उसे सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया। उसकी भी हालत नाजुक बताई गई है। हादसे के बाद बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में जर्जर तार लगे हुए हैं। जिन्हें हटाने के लिए कई बार शिकायत की गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
शवों का कोविड-19 टेस्ट कराया गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम होगा। वहीं, परिवारीजनों का हादसे के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण का कहना है इन मासूम की क्या गलती थी कि विद्युत विभाग की लापरवाही ने इनको मौत की नींद सुला दिया। बीकेटी थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि तीन बच्चियां करंट लगने से झुलस गई थी।
जिसमे दो सगी बहनें हैं। जबकि एक बच्ची पड़ोस की है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं संबंधित अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा घरेलू बिजली का करंट लगने से हुआ है।