वाशिंगटन। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंउर बिल गेट्स ने कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भारत की तरफदारी की है। उन्होंने कहा कि भारत की फार्मास्यूटिक इंडस्ट्री में सिर्फ अपने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की क्षमता है। भारत में वैक्सीन को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं और भारत की फार्मा इंडस्ट्री कोरोना वैक्सीन को बनाने की दिशा महत्वूर्ण काम कर रहीं हैं।
सबसे ज्यादा दवाओं का उत्पादन भारत में : गेट्स
‘कोविड-19: इंडियाज वॉर अगेंस्ट द वायरस’ डॉक्यूमेंट्री में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के ट्रस्टी बिल गेट्स ने गुरुवार को कहा कि भारत को बड़े क्षेत्रफल और घनी आबादी के कारण आज बहुत बड़ी हेल्थ क्राइसिस से जूझना पड़ रहा है। भारत के फार्मा इंडस्ट्री की क्षमता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास कई दवा और वैक्सीन कंपनियां हैं, जो पूरी दुनिया में दवाओं को सप्लाई करतीं हैं।
बिल गेट्स ने कहीं ये बातें
- सबसे ज्यादा वैक्सीन का निर्माण भारत में ही होता है। सीरम इंस्टीट्यूट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
- भारत में बायो ई, भारत बायोटेक जैसी कई कंपनियां भी हैं। जो देश में कोविड-19 वैक्सीन बनाने में मदद करने की दिशा में काम कर रही हैं।
- कोलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशनस (सीईपीआई) के साथ जुड़कर भारत वैक्सीन बनाने में हमारी भी मदद कर रहा है।
- भारत की फार्मा इंडस्ट्री कोरोना वैक्सीन बनाने में पूरी तरह सक्षम है। यह कोरोना से होने वाली मौतों को कम करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगा। इस तरह हम कोरोना की जंग जीत पाएंगे।
- बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, भारत सरकार, आईसीएमआर के साथ मिलकर भी काम कर रहा है।
भारत में भी 14 वैक्सीन पर काम चल रहा
- इस महीने की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने बताया था कि भारत में कोरोना की 14 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 4 वैक्सीन का काम अगले 3 से 5 महीनों में क्लीनिकल ट्रायल के फेज में पहुंचने की उम्मीद है।
- इन सबके अलावा दुनियाभर में जिन 148 वैक्सीन पर काम चल रहा है, उसमें 5 या तो भारतीय कंपनियों की है या फिर भारतीय कंपनियां हिस्सेदार हैं। गुजरात की जायडस कैडिला कंपनी भी है। इसी कंपनी ने 2010 में देश में स्वाइन फ्लू की सबसे पहली वैक्सीन तैयार की थी।
- इसके अलावा भारत बायोटेक दो, इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 1-1 वैक्सीन पर दूसरे देशों की संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही हैं।