कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए उनसे बिहार के संबंध में सवाल पूछे और जानना चाहा कि वादा किए जाने के बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया।
कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘‘जनजातीय गौरव दिवस’’ मनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के जमुई जाने के बीच उनसे तीन सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था इसके बावजूद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ वर्ष 2014 में मोदी जी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। केंद्र की अपनी बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट के अनुसार बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य है। राज्य की 52 प्रतिशत आबादी की स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा तक ठीक से पहुंच नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2013 में रघुराम राजन समिति ने राज्य के आर्थिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए कोष को हस्तांतरित करने के लिए एक नयी पद्धति की सिफारिश की थी जो बहु-आयामी सूचकांक पर आधारित हो।’’
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘ दस साल बाद मोदी सरकार किसका इंतज़ार कर रही है? ‘नॉन-बायलॉजिकल’ प्रधानमंत्री बिहार की जनता को क्यों भूल गए हैं? केंद्र में 10 साल और बिहार में लगभग 20 साल सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी सरकार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने में क्यों विफल रही है?’’
कांग्रेस नेता ने यह भी प्रश्न किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में जो 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था उसका क्या हुआ।
उन्होंने कहा,‘‘ 2015 में विधानसभा चुनावों से पहले एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘मैं आज यहां अपना वादा पूरा करने आया हूं… आप कितना चाहते हैं? 50,000 करोड़ , 60,000, 70,000, 75,000, 80,000? मैं 1.25 लाख करोड़ रुपए का पैकेज देने की घोषणा कर रहा हूं।’ उनके इस बयान पर उनके नए-पुराने सहयोगी नीतीश कुमार ने जवाब दिया था, ‘क्या वह बिहार की बोली लगा रहे थे?’ 2017 तक केवल 27,000 करोड़ रुपए ही स्वीकृत किए गए। उसके बाद इस तथाकथित ‘परिवर्तनकारी’ पैकेज पर कोई अपडेट नहीं दिया गया है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ ‘नॉन-बायलॉजिकल’ प्रधानमंत्री ने बिहार की ‘तस्वीर और तक़दीर’ बदलने का वादा किया था। उनका वह वादा तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन कुछ बदला है तो वह सिर्फ नीतीश कुमार का गठबंधन सहयोगी। बिहार के युवा बेरोज़गारी से त्रस्त हैं और राज्य विकास के अधिकांश सूचकांक पर पिछड़ा हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि बाकि बचे एक लाख करोड़ रुपए कहां गायब हो गए। जयराम रमेश ने कहा, ‘‘ क्या इस मामले में भी भारतीय जुमला पार्टी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए यूं ही पैकेज का ढोल पीट दिया था?’’
उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में कहा कि क्या प्रधानमंत्री जमुई के पूर्व सांसद चिराग पासवान की, अग्निपथ योजना पर फिर से विचार करने की मांग पर ध्यान देंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘ मोदी सरकार ने बिहार के युवाओं को बार-बार धोखा दिया है। युवाओं ने लगातार मोदी सरकार की गलत सोच वाली अग्निपथ योजना का विरोध किया है। भले ही हम मात्र छह महीने के भीतर युवा सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार कर देने की अपेक्षा को नज़रअंदाज़ कर दें, लेकिन हम इस बात को कैसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं कि युवाओं को अब सेना में लंबी अवधि और सामाजिक सुरक्षा वाली नियमित नौकरियां नहीं मिल पाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि सेना में चार साल बिताने के बाद युवा अग्निवीर कहां जाएंगे
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के कारण बड़े पैमाने पर बेरोजगारी से जूझ रहे देश में युवाओं के पास क्या विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने पर अग्निपथ योजना को खत्म करने का लगातार वादा किया है। यहां तक कि सरकार में मंत्री और जमुई के पूर्व सांसद चिराग पासवान ने भी प्रधानमंत्री से इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग की है।
रमेश ने प्रश्न किया कि क्या प्रधानमंत्री अपनी सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ व्यापक विरोध के बावजूद उस पर कायम रहेंगे?