बिहार चुनाव : टिकट दावेदार अपना रहे तरह-तरह के हथकंडे

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से ही विधायक बनने की चाहत संवारे नेताओं की भीड़ पार्टी के प्रदेश कार्यालयों में लगने लगी है। जिन्हें पार्टी के आलाकमान से टिकट देने का आश्वासन मिल जा रहा है, उनकी तो खुशी परवान पर दिख रही है और जिन्हें आशा नहीं दिखती वे पार्टी लाइन से हट कर अपने तरीके से टिकट की मांग कर रहे हैं।

भाजपा के प्रदेश कार्यालय के समीप रविवार को लखीसराय के पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की तो सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यालय के बाहर एक महिला राजद कार्यकर्ता टिकट की मांग को लेकर धरने पर बैठ गई।

बेगूसराय जिला के तेघड़ा विधानसभा की नेत्री सुधा सिंह सोमवार को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गई। उन्होंने पत्रकारों से बताया, “तेजस्वी यादव और पार्टी के शीर्ष नेता से कई बार मिलने की कोशिश की, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। वर्ष 2015 में ही लालू प्रसाद ने हमें टिकट देने का आश्वाशन दिया था, पर टिकट नहीं मिला था।”

उन्होंने कहा कि जब तक टिकट नहीं दिया जाता, वे यहीं बैठी रहेंगी। इससे पहले रविवार को भाजपा कार्यालय में लखीसराय में उम्मीदवार बदलने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की गाड़ी को कार्यालय में घुसने से कुछ देर तक रोक दिया। उपमुख्यमंत्री की गाड़ी को कार्यालय आने देने से रोक रहे कार्यकर्ताओं और कार्यालय में मौजूद पार्टी जनों के बीच हल्की झड़प भी हुई।

लखीसराय ये आए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप था कि लखीसराय के मौजूदा विधायक और श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा मतदाताओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।

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