बीएचयू के मृत चिकित्सक छात्र का तांत्रिक कनेक्शन ढूढ़ने में जुटी पुलिस

मीरजापुर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के छात्र चिकित्सक की मौत के मामले में पुलिस तांत्रिकों से कनेक्शन की तलाश में जुट गयी है। पुलिस विंध्य क्षेत्र के तंत्र साधना स्थलों पर मौजूद तांत्रिकों से भी गुपचुप पूंछतांछ में जुटी हुई है। वहीं गंगा से बरामद मृत छात्र के पेट में लगे लगभग छह इंच के चीरा के सम्बंध में पड़ताल के लिए पुलिस ने विसरा को जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। ताकि जांच के बाद पता चल सके कि नवनीत परासर की मौत गंगा में डूबने से हुई या अन्य किसी कारण से हुई। फिलहाल यह मामला पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहा है।
विंध्य पहाड़ी पर तंत्र साधना करने वालों से की जा रही पूंछतांछ
छात्र चिकित्सक नवनीत परासर बीते नौ जून को विंध्याचल बाइक से पहुंचने के बाद गंगा स्नान कर मां विंध्यवासिनी के मंदिर की सीढ़ी पर माला-फूल व प्रसाद चढ़ाने के बाद चामुण्डा गली पहुंच गया। यहीं से वह रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। उसका शव शनिवार को दोपहर चील्ह थाना क्षेत्र के भोज कोल्हुआ गांव के गंगा घाट से बरामद हुआ। इसकी जानकारी होते ही उसके परिजन और धनवंतरी छात्रावास के बड़ी संख्या में छात्र पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए थे।
नवनीत परासर के साथियों ने पुलिस को बताया कि वह इन दिनों तंत्र साधना की बातें कर रहा था। उसने कुछ दिन पहले एक तांत्रिक से रूद्राक्ष लेकर पहना था। उसे पहनने के बाद नवनीत परासर बिल्कूल बदल गया था। वह मोक्ष्य प्राप्ति की बातें करता था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह छात्रों से कहता था कि विंध्य पहाड़ी पर तंत्र साधना किया जाएगा। पुलिस के निशाने पर इस समय विंध्य पहाड़ी पर स्थित तंत्र साधना के स्थल चितवा खोह, कालीखोह, अष्टभुजा पहाड़ी पर स्थित भैरव कुण्ड, शिवपुर श्मशान घाट, तारा मंदिर आदि स्थानों पर तंत्र साधक मौजूद हैं। पुलिस का मानना है कि इनमें से किसी न किसी तंत्र साधना स्थल से नवनीत का सम्बंध रहा होगा। तभी वह वाराणसी से विंध्याचल चला आया। यहां आने के बाद उसकी मौत डूबने से हुई या अन्य किसी कारण से हुई। इसी की पड़ताल में पुलिस जुटी हुई है।

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