लखनऊ। ओमप्रकाश राजभर की सियासत के रंग लखनऊ में आज फिर देखने को मिले। राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने विधायकों के साथ वोट डालकर निकले राजभर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ विक्ट्री साइन बनाते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह चुनाव एकरफा हो गया है। उसी दिन से एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की झड़ी लग लग गई जिस दिन मैंने अपने पत्ते खोले।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सपा से सुभसपा का गठबंधन आज भी है। अखिलेश यादव जब तक नहीं कह देंगे कि आप अपना देखो, हम अपना देखेंगे, तब तक हम उनके साथ हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वहां से न हमें बुलाया गया, न वोट मांगा गया तो जहां से बुलाया गया और वोट मांगा गया हम उन्हीं के साथ खड़े हो गए। एक निजी चैनल से बात करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है। आप यूपी की ही गिनती कर लीजिए। यूपी की गिनती में विपक्ष कहां खडा है। यह चुनाव एकतरफा हो गया है।
उन्होंने कहा कि आज भी उनका गठबंधन सपा से है। वहां से वोट मांगा नहीं गया, बुलाया नहीं गया। जहां से मांगा गया, बुलाया गया वहां चले गए। सुभासपा के विधायक राष्ट्रपति के वोट डालने गेट नंबर 7 पर पहुंचे। अपना दल के विधायक भी आशीष पटेल के नेतृत्व में वोट डालने पहुंचे।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ओम प्रकाश राजभर के साथ आए। ब्रजेश पाठक ने कहा एक आदिवासी बहन भारी बहुमत से जीतने जा रही है। इसी बात को दोहराते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि दिल्ली जीत का रास्ता यूपी से होकर जाता है। दोनों ने विक्ट्री का निशान भी बनाया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ, दूसरे नंबर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना औऱ तीसरे नम्बर पर धीरेंद्र सिंह ने वोट डाला।
केशव मौर्य बोले- सवाल आदिवासी समाज की बहन का है
गौरतलब है कि पिछली आठ जुलाई को राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लखनऊ आगमन पर उनके सम्मान में मुख्यमंत्री आवास पर डिनर डिप्लोमेसी हुई थी। उसमें बीजेपी के मंत्रियों के अलावा विपक्ष के कई नेता शामिल हुए जो अपने आप में बड़ा संदेश था। इस डिनर में शिवपाल सिंह यादव और ओमप्रकाश राजभर के शामिल होने की सर्वाधिक चर्चा हुई। कहा जा रहा है बीजेपी ने विपक्ष में सेंध लगा दी है।
सोमवार को एक निजी चैनल से बातचीत में डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि क्रॉस वोटिंग का सवाल नहीं है। सवाल आदिवासी समाज से आने वाली महिला द्रौपदी मुर्मू जी का है। पूरा देश उनके समर्थन में उमड़ पड़ा है। बीजेपी और दूसरे दलों के सांसद विधायक भी। आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। आदिवासी समाज की बहन के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का रास्ता साफ हो रहा है। ऐसे में सभी दलों के विधायकों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर निर्णय लेना चाहिए।
सपा द्वारा व्हिप जारी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं उठता। यह सदन के अंदर की वोटिंग नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में व्हिप नहीं होता। यह महज अफवाह है। मुझे विश्वास है कि सभी दलों के लोग आदिवासी समाज की हमारी बहन को वोट देंगे।