नई दिल्ली। भाजपा के सहयोगी दल ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भगवान राम को लेकर एक बयान दिया है जिसकी चर्चा हो रही है। मांझी ने कहा कि भगवान राम एक काल्पनिक चरित्र थे, लेकिन महर्षि वाल्मीकि वास्तविक और उनसे बड़े महापुरुष रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने पौराणिक ग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान ये टिप्पणी की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि महर्षि वाल्मीकि भगवान राम से हजारों गुना बड़े थे।जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) (सेक्युलर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए ये बातें कही।
हालांकि साथ में मांझी ने यह भी कहा, “यह मेरा व्यक्तिगत विचार है और मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता।”
बैठक में हम अध्यक्ष ने आरक्षित सीटों पर निर्वाचन पर फर्जी सर्टिफिकेट लगाने के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। मांझी ने आरोप लगाया कि एक केंद्रीय मंत्री सहित पांच सांसद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों से फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने इसकी जांच कराने की मांग की है।
बाद में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रही होगी, लेकिन परिणाम दिख नहीं रहे हैं।
मांझी ने आतंकवादियों द्वारा गरीब प्रवासियों की वहां हत्या किये जाने पर रोष प्रकट किया, जिनमें कुछ बिहार से भी हैं।
पार्टी की बैठक में मांझी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल और जे शिवाचार्य महास्वामीजी (दोनों भाजपा सांसद) , कांग्रेस के सांसद मोहम्मद सादिक, तणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार और निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर चुनाव लडऩे के बाद एससी के लिए आरक्षित सीटों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
वहीं मांझी के इन आरोपों पर इन सांसदों की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनमें से अधिकतर ने पूर्व में इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं।
बघेल के सहयोगियों ने कहा कि उनकी जाति उत्तर प्रदेश में एससी के तौर पर अधिसूचित है, जहां से वह निर्वाचित हुए।