भारतीयों ने कार मार्केट को दी रफ्तार, 5 महीने में 18% की बढ़ोतरी

नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल सेक्टर वैसे तो पिछले दो सालों से मंदी का सामना कर रहा है, लेकिन इस सेक्टर में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट को कोरोना से फायदा हो रहा है। कहावत है कि जान है तो जहान है। कोरोना आने के बाद स्वास्थ्य की सेफ्टी को लेकर लोग सजग हुए। यही कारण है कि वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल से बच रहे हैं और अपने व्हीकल में ही यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। इसी के चलते इस साल 2-व्हीलर की तुलना में कारों की बिक्री बढ़ी है।

बजट के बाहर जाकर लोग खरीद रहे कार
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के प्रमुख विंकेष गुलाटी बताते हैं कि कोरोना के चलते लोगों की सोच बदल गई है। जो व्यक्ति पहले अपने लिए 2-व्हीलर खरीदने के बारे में सोचता था, वह अब परिवार की सेफ्टी के चलते अपने बजट से बाहर जाकर भी कार खरीद रहा है। यानी की परिवार की सेफ्टी ही प्रायोरिटी पर रखी जा रही है। यही कारण है कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कारों की ज्यादा बिक्री हो रही है। वहीं, टू-व्हीकल सेगमेंट में रिवाइवल आने में अभी थोड़ा और समय लगेगा।

अपनी कार में होती है पूरी सेफ्टी
पैसेंजर व्हीकल में ग्रोथ रेट बढ़ने के बारे में ऐमराल्ड होंडा के सीईओ रजनीश अरोरा का कहना है कि ऐसा पहली बार ही हो रहा है कि 2-व्हीलर की तुलना में कार की सेल ज्यादा है। कारण साफ है कि व्यक्ति खुद की और परिवार की सेफ्टी के बारे में सोचने लगा है। जो लोग पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कंपनी के वाहनों में सफर करते थे, वे अब उससे बच रहे हैं और अपनी सेफ्टी के लिए कार खरीद रहे हैं। इसी के चलते गुजरात सहित देश भर में कारों की सेल्स ग्रोथ बढ़ी है।

मीडियम क्लास, स्टूडेंट्स की डिमांड कम हुई
फाडा के प्रमुख विंकेष गुलाटी बताते हैं कि कोरोना का सबसे ज्यादा असर मीडियम क्लास को हुआ है। वहीं, इस वर्ग की प्राथमिकता में टू-व्हीलर ही रहते हैं, लेकिन कोरोना के चलते जॉब लॉस या आय में कमी होने की मार मीडियम क्लास पर ही ज्यादा पड़ी, जिससे टू-व्हीलर की खरीदी में कमी आई। इसके अलावा टू-व्हीलर का सबसे बड़ा ग्राहक वर्ग स्टूडेंट्स हैं, लेकिन इस साल स्कूल-कॉलेज बंद होने के चलते स्टूडेंट्स ने भी खरीदी नहीं की। स्कूटर सेगमेंट में मंदी के यही दो बड़े कारण रहे।

फ़ेस्टिवल पीरियड में टू-व्हीलर की डिमांड बढ़ी थी
आंकड़ों को देखें तो फेस्टिवल पीरियड में टू-व्हीलर की डिमांड में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। जबकि बाकी के महीनों में इसका बाजार सुस्त रहा। दूसरी तरफ, कार की सेल्स ग्रोथ लगातार बढ़ रही है। ऑटोमोबाइल डीलर्स के बताए अनुसार हाल की स्थिति में यह ट्रेंड अगले 4-5 महीनों तक जारी रहने वाला है। पैसेंजर व्हीकल में जो ग्रोथ आई है वह खासतौर पर एंट्री लेवल कार अथवा कॉम्पैक्ट कारों की अधिक बिक्री के चलते आई है।

टू-व्हीलर सेगमेंट में आगामी दिनों में सुधार की उम्मीद
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (SIAM) के डायरेक्टर जनरल राजेश मेन का इस बारे में कहना है कि फिलहाल टू-व्हीलर की रिटेल सेलिंग बहुत कम है। वहीं, उत्पादकों की ओर से सप्लाई नियमित जारी है, क्योंकि उन्हें आशा है कि आगामी समय में टू-व्हीलर सेगमेंट में तेजी आएगी। ओवरऑल बात करें तो इस साल अप्रैल से नवंबर तक पिछले साल की तुलना में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री 20.57% कम हुई है, जबकि टू-व्हीलर में 25.08% की कमी दर्ज की गई है।

गुजरात में भी पैसेंजर कार में सेल्स ग्रोथ बढ़ी
कोरोना के बाद अनलॉक की स्थिति के अनुसार देखें तो गुजरात में बी टू-व्हीलर की तुलना में पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में ग्रोध ज्यादा है। फाडा के अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार गुजरात में वाहनों की बिक्री में तकरीबन 15% ग्रोथ हुई है। वहीं, टू-व्हीलर में 11% की ग्रोथ रही है।

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