ओट्टावा: कनाडा में गिरती लोकप्रियता और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार अब भारतीयों को निशाना बनाने में लगी है। कनाडा की बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ब्रिटिश कोलंबिया (BC) से 950 छात्रों को गिरफ्तार किया है। इनमें अधिकांश भारत के पंजाब से हैं। इन सभी पर आरोप है कि ये स्टूडेंट वीजा पर मंजूर किए गए समय से ज्यादा काम कर रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद इन भारतीय छात्रों की कनाडा में स्थायी निवास हासिल करने की संभावना खतरे में पड़ गई है। इसके साथ ही जिन संस्थानों ने इन्हें काम पर रखा था, उनके खिलाफ श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए लाखों डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
20 घंटे की समय सीमा से ज्यादा काम
ट्रू स्कूप की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र वीजा पर कनाडा गए ये भारतीय कथित तौर पर वैध वेतनमान से कम पर काम कर रहे थे। कनाडा सरकार ने हाल ही में नए नियमों को लागू किया है, जिसके तहत छात्र वीजा पर विदेशियों को केवल 20 घंटे काम करने की अनुमति है।
कनाडा में काम के लिए न्यूनतम वेतन 35 कनाडाई डॉलर प्रति घंटा है। ये भारतीय सप्ताह में 40 घंटे से अधिक काम करते थे, जिसमें केवल 20 घंटे ही वैध थे। बाकी घंटों के लिए उन्हें कम दर पर भुगतान किया जाता था। इस स्थिति भारतीय छात्रों को असुरक्षित स्थिति में डाल दिया।
क्या होगा असर?
कनाडा सरकार ने आप्रवासन को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। ट्रूडो सरकार ने देश में अप्रवासियों की संख्या को घटाने की घोषणा की है। ऐसे में अवैध रूप में काम में शामिल होने के चलते इन छात्रों के स्थायी निवास का आवेदन पर खतरे में पड़ गया है। इस घटना के कनाडा में उनके भविष्य पर दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं।