मुंबई। भारत के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर वसंत रायजी का शनिवार को निधन हो गया। वह 100 साल के थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रायजी के निधन की पुष्टि की। जब भारत ने वर्ष 1932 में घरेलू मैदान बॉम्बे जिमखाना पर अपना पहला टेस्ट खेला था, तब रायजी 13 साल के बच्चे थे और वह इस ऐतिहासिक मैच को देखने में सफल रहे थे।
बाद में उन्होंने 1939 में नागपुर में मध्य प्रांत और बरार के खिलाफ क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया।वह दाएं हाथ के बल्लेबाज थे। रायजी ने 1941 में बॉम्बे (अब मुंबई) के लिए बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और विजय मर्चेंट की कप्तानी में पारी की शुरुआत की। वह 1941 की बाम्बे पेंटेंगुलर की हिंदुज टीम में रिजर्व खिलाड़ी थे।
इस साल 26 जनवरी को रायजी ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था और इस जश्न में सचिन तेंदुलकर और स्टीव वॉ शामिल हुए थे। सात मार्च को जॉन मैनर्स के निधन के बाद रायजी दुनिया के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे। 1940 के दशक में रायजी ने कुल 9 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और कुल 277 रन बनाए थे।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रायजी ने लेखन किया था। पेशे से वह हालांकि चार्टर्ड एकाउंटेंट थे। साल 2016 में बीके गुरुदाचार के निधन के बाद रायजी देश के सबसे वयोवृद्ध प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने थे।