नई दिल्ली। लंबे समय बाद एक बार फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि आज यानी 24-45 फरवरी की रात से ही उन सभी पुराने समझौतों को फिर से अमल में लाया जाएगा, जो समय-समय पर दोनों देशों के बीच हुए हैं।
हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान सीजफायर उल्लंघन, युद्धविराम, कश्मीर मुद्दे समेत कई समझौतों पर चर्चा की गई। दोनों देशों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के हालात को लेकर भी समीक्षा की।
बातचीत में 3 अहम बिंदुओं पर सहमति बनी
1. एक हॉटलाइन कॉन्टैक्ट मैकेनिज्म तैयार किया जाएगा जिसकी मदद से दोनों देशों के बीच समय-समय पर बातचीत हो सके।
2. सीज फायर उल्लंघन, फायरिंग, घुसपैठ समेत अन्य मसलों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
3. नियमित फ्लैग मीटिंग फिर से शुरू होगी। इसके जरिए दोनों देशों के बीच पनपी गलतफहमियों को दूर किया जाएगा।
2003 में सीजफायर को लेकर हुआ था एग्रीमेंट
नवम्बर 2003 में भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने LOC पर सीजफायर एग्रीमेंट किया था। जिसके मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे पर गोलीबारी नहीं करेंगी। तीन साल तक यानी 2006 तक दोनों तरफ से इस सीजफायर को माना गया। लेकिन, उसके बाद से पाकिस्तान ने लगातार सीजफायर का उलंघन किया। जिसकी आड़ में LOC के करीब बनाये गए आतंकी लॉन्चपैड्स से घुसपैठ की न सिर्फ कोशिशें हुईं, बल्कि पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ करवाने में मदद भी की।
2020 में रिकॉर्ड सीजफायर का उल्लंघन हुआ
सीजफायर तोड़ने के मामले में पाकिस्तान ने 2020 में पिछले 17 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस साल पाकिस्तान की तरफ से 4100 से ज्यादा बार सीजफायर तोड़ा जा चुका है। नवम्बर में 128 बार, जबकि अक्टूबर में 394 बार सीजफायर का उलंघन हुआ। 2019 में 3233 बार सीजफायर उलंघन हुआ था। 2015 में 405 बार और उससे पहले 2014 में 583 बार सीजफायर तोड़ा गया।