नई दिल्ली। देश में 25 मार्च को जब लॉकडाउन घोषित गया था तो उस दिन तक कोरोनावायरस से 657 लोग संक्रमित थे। 23 अप्रैल को लॉकडाउन के 30 दिन पूरे हुए तो यह संख्या बढ़कर 23 हजार 39 तक पहुंच गई। इस तरह पाबंदियों के पहले एक महीने में भारत में कोरोना के कुल 22 हजार मामले सामने आए। देश में 30 दिनों में संक्रमण के 35 गुना मामले बढ़े, जबकि ग्रोथ रेट 3406 फीसदी रही। हालांकि भारत में एक महीने की पाबंदी केसों की संख्या और मौतों की आंकड़ों के लिहाज चीन और इटली जैसे देशों के लॉकडाउन (पहला एक महीना) की तुलना में ज्यादा कामयाब रही है।
- चीन: कोरोना संक्रमितों की ग्रोथ रेट 9091 फीसदी रही
चीन में 23 जनवरी को लॉकडाउन लगाया गया था। इस दिन तक यहां कोरोना के 830 मरीज थे। 21 फरवरी को जब लॉकडाउन के एक महीने पूरे हुए तो यहां 76 हजार 288 मामले थे। इस तरह लाॅकडाउन के एक महीने में चीन में 75 हजार 458 केस आए, यानी तकरीबन 92 गुना केस बढ़ गए। कोरोना मामलों की ग्रोथ रेट 9091 फीसदी रही। हालांकि चीन ने शुरुआत में सिर्फ हुबेई प्रांत और वुहान शहर में ही लॉकडाउन लगाया था। लेकिन पाबंदियां देशभर में बढ़ा दी थीं।
- इटली: कोरोना संक्रमितों की ग्रोथ रेट 1371 फीसदी रही
इटली में लॉकडाउन 9 मार्च को शुरू हुआ था। इस दिन तक यहां 9 हजार 172 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे। 7 अप्रैल को यहां लॉकडाउन के एक महीने पूरे हुए। इस दिन तक इटली में कोरोना के 1.35 लाख से ज्यादा मामले आ चुके थे। इटली में लॉकडाउन के एक महीने में 1.26 लाख नए केस आए यानी संक्रमितों की संख्या में 15 गुना का इजाफा हुआ। इस दौरान कोरोना संक्रमितों की ग्रोथ रेट 1371 फीसदी रही।
- लॉकडाउन में मौतों का आंकड़ा
भारत में लॉकडाउन के पहले 30 दिन में कोरोना से मरने वालों की ग्रोथ रेट 5908%, चीन में 9280% और इटली में 3599% रही
1- भारत में लॉकडाउन के पहले दिन यानी 25 मार्च तक कोरोना से 12 लोगों की मौत हुई थी। 23 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 721 हो गई। इस तरह 30 दिन में 709 लोगों की जान गई। एक महीने में मौतों की संख्या में 60 गुना का इजाफा हुआ। मौतों की ग्रोथ रेट 5908% रही।
2- चीन में लॉकडाउन के पहले दिन 23 जनवरी तक कोरोना से 25 लोगों की जान गई थी। 21 फरवरी को यह संख्या बढ़कर 2345 हो गई। यहां लॉकडाउन के 30 दिनों में 2320 लोगों की जान गई। एक महीने में मौतों की संख्या में 93 गुना का इजाफा हुआ। मौतों की ग्रोथ रेट 9280% रही।
3- इटली में लॉकडाउन के पहले दिन 9 मार्च तक 463 लोगों की जान गई थी। 7 अप्रैल को यह संख्या बढ़कर 17 हजार 127 हो गई। इस तरह 30 दिन में यहां 16 हजार 664 लोगों की मौत हुई। एक महीने में मरने वालों की संख्या 37 गुना तक बढ़ गई। मौतों की ग्रोथ रेट 3599% रही।
- रोजाना के औसतन कोरोना केस
भारत में रोज 733 केस आए, चीन में रोज 2515 और इटली में रोज 4200 केस आए
भारत में लॉकडाउन के एक महीने में रोजाना कोरोनावायरस के औसतन 733 केस आए हैं। जबकि रोजाना औसतन 23 लोगों की जान गई है। चीन और इटली में यह आंकड़ा भारत से एकदम उलटा है। चीन में लॉकडाउन के दौरान पहले एक महीने में रोजाना औसतन 2515 कोरोना केस आए हैं। जबकि रोजाना औसतन 77 लोगों की जान गई। वहीं, इटली में लॉकडाउन के पहले एक महीने में रोजाना कोरोना के औसतन 4200 मामले आए, जबकि रोज औसतन 555 लोगों की जान गई।
- लॉकडाउन लगाने में कौन आगे रहा
भारत में कोरोना का पहला केस आने के 55वें दिन, चीन में 25वें दिन और इटली में 38वें दिन लॉकडाउन लगाया गया
भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को केरल में आया था। देश में लॉकडाउन 25 मार्च को लगाया गया। इस तरह भारत में कोरोना का पहला केस आने के 55वें दिन लॉकडाउन लगाया गया। वहीं, चीन में कोरोना का पहला केस 30 दिसंबर 2019 को आया था। चीन ने 23 जनवरी को लॉकडाउन लागू किया। इस तरह चीन ने कोरोना केस आने के 25वें दिन ही लॉकडाउन लगा दिया। इटली में कोरोना का पहला मामला भारत के अगले दिन यानी 31 जनवरी को रोम में आया था। यहां लॉकडाउन 9 मार्च को लागू किया गया। इस तरह इटली में पहला कोरोना केस आने के 38वें दिन लॉकडाउन लगा दिया गया था।