- सिंधिया गुट के मंत्री और विधायक भोपाल पहुंचकर विधानसभा स्पीकर से मिलेंगे, इसकी वीडियोग्राफी होगी
- इस्तीफा देने वाले विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने पेश होने के लिए नोटिस दिए
भोपाल. मध्य प्रदेश में सियासी घमासान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के 6 मंत्री और विधायक थोड़ी देर में भोपाल पहुंचेंगे। बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में में ठहरे 17 विधायक दो फ्लाइट के जरिए भोपाल पहुंचेंगे। सिंधिया समर्थक कुल 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपने इस्तीफे भेजे हैं। इसके बाद स्पीकर ने नोटिस जारी कर विधायकों को हाजिर होने के लिए कहा था। इनमें से 6 विधायकों को शुक्रवार, 7 विधायकों को शनिवार और बाकी 9 विधायकों को रविवार को उपस्थित होना है। एयरपोर्ट पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की मौजूदगी और टकराव को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
एयरपोर्ट पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता जब सिंधिया के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे, उसी दौरान वहां कांग्रेस विधायकों को सीआईएसएफ के जवानों ने रोक दिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने सिंधिया के विरोध में नारेबाजी की। भारी संख्या में दोनों ही तरफ के लोगों की मौजूदगी की खबर मिलने के बाद भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौड़े और डीआईजी इरशाद वली एयरपोर्ट पहुंचे। मौके पर तनाव को देखते हुए कलेक्टर ने धारा-144 लागू करने के आदेश दे दिए हैं। वहीं एसटीएफ का दस्ता एयरपोर्ट पर तैनात कर दिया गया है।
ये 17 विधायक भोपाल पहुंच रहे
सिंधिया गुट के 17 विधायकों में से पहले प्लेन में भाजपा विधायक अरविंद भदोरिया के साथ सुरेश धाकड़, जसवंत जाटव, इमरती देवी, रमाकांत भार्गव, मनोज चौधरी, पुनीत शर्मा, एंदल सिंह कंषाना, मोहन सिंह, रक्षा सिरोनिया हैं। दूसरे प्लेन में भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता के साथ तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसोदिया, संतराम, कमलेश जाटव वापस लौटेंगे।
विधायकों को लेकर आ रहे पायलट्स के नाम दिग्विजय और राहुल
सिंधिया गुट के विधायक दो विमानों से आ रहे हैं। उनमें से एक विमान में 9 और दूसरे विमान में 8 विधायक हैं। जिस विमान में 9 विधायक हैं उसके एक पायलट का नाम कैप्टन दिग्विजय सिंह है। वहीं, 8 विधायकों को लेकर आ रहे दूसरे पायलट का नाम कैप्टन राहुल सिंह है। रोचक है कि कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वहीं, दिग्विजय सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
विधायकों ने केंद्रीय बलों की सुरक्षा मांगी
इस बीच, बेंगलुरू से आने वाले विधायकों को रिसीव करने के लिए भाजपा के नेता दो बसों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे। विधायकों ने सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की मांग की। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय की तरफ से डीजीपी को एक पत्र भी भेजा गया। कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी एयरपोर्ट पर मौजूद हैं। उन्होंने सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की मांग को भाजपा की चाल बताया। इस बीच, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली जाने के लिए थोड़ी देर में एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां उनके समर्थक सैकड़ों की संख्या में मौजूद हैं और नारेबाजी कर रहे हैं।
स्पीकर से विधायकों की मुलाकात की वीडियोग्राफी होगी
स्पीकर ने इस्तीफे की सत्यता बताने को कहा है। इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं या किसी दबाव में, विधायक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बात बताएंगे। इस मुलाकात की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। जो विधायक स्पीकर के सामने हाजिर नहीं होगा, उसका इस्तीफा मान्य नहीं होगा। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बेंगलुरु से लौटने वाले विधायकों के कोरोनावायरस से संक्रमण की आशंका जताई और उनके टेस्ट कराने की मांग की।
भूपेंद्र सिंह ने इस्तीफे स्वीकार करने का अनुरोध किया
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें तीन और विधायकों बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना और मनोज चौधरी के इस्तीफ़े सौंपे थे। साथ ही विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने का अनुरोध किया था। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन जब तक विधायकों के इस्तीफों पर फैसला नहीं होगा, फ्लोर टेस्ट कैसे होगा।
जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में
बेंगलुरु के जिस रिसॉर्ट के बाहर गुरुवार दोपहर मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ एक नाटकीय घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी और लाखन सिंह समेत मध्य प्रदेश के 4 मंत्री अभी बेंगलुरु में हैं। उन्होंने विधायकों को रिसॉर्ट में रखे जाने के को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार के साथ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा विधायकों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।