शाहजहांपुर। शनिवार को वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल राजकीय मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचे थे। दोनों मंत्री दफ्तर में बैठे थे। तभी एक महिला दफ्तर के बाहर जोर जोर से चिल्लाकर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलने लगी।
बेबस बेटी को कुछ नहीं दिखा तो उसने हंगामा करना शुरू कर दिया। बेटी का आरोप था कि कोरोना संक्रमित उसके पिता को एक तो इलाज नहीं मिल रहा है दूसरा जब वो स्टाफ से इलाज के लिए कहती है तो स्टाफ उससे अभद्रता करता है।
अंदर मंत्री कर रहे थे बखान बाहर चीख रही थी अव्यवस्था
शनिवार दोपहर 12 बजे चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना और प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल राजकीय मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचे थे। प्राचार्य के आफिस के पास एक दफ्तर में दोनों मंत्री, डीएम-एसपी और राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधिकारी समेत कई भाजपा नेता मौजूद थे। तभी पुवाया क्षेत्र की रहने वाली एक महिला दफ्तर के बाहर चीख चीखकर मदद की गुहार लगाने लगी।
जिस दफ्तर में मंत्री बैठे थे उसी दफ्तर के बाहर जब महिला ने हंगामा किया तब राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन हरकत में आया। CMS एयूपी सिन्हा और महिला CMS ने गुहार लगा रही महिला को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वो नहीं मानी। बाद में SP एस आनन्द ने महिला को समझाया और उसके पिता को अच्छा इलाज देने का आश्वासन देकर डाक्टरों को तत्काल आईसोलेशन वॉर्ड भेजने के लिए कहा।
महिला की फरियाद सुनने नहीं निकले मंत्री
जिस दफ्तर के बाहर महिला पिता के इलाज के लिए गुहार लगा रही थी उसी दफ्तर में मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल, डीएम इंद्र विक्रम सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं के पुल बांध रहे थे पर महिला की गुहार सुनकर भी उन्होंने उससे मिलने की ज़रूरत नहीं समझी।
लेकिन सवाल यह है कि अगर वाकई व्यवस्थाएं अच्छी हैं तो महिला को दो-दो मंत्रियों की मौजूदगी में हंगामा करने की जरूरत क्यों पड़ी?
स्टाफ ने महिला को मीडिया से नहीं मिलने दिया
जब मीडियाकर्मियों ने महिला से बात करने की कोशिश की तो राजकीय मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने महिला को घेर लिया। महिला को तत्काल L2 आईसोलेशन वॉर्ड चलकर उसके पिता को अच्छा इलाज देने का आश्वासन देकर मीडिया से बात न करने की हिदायत देने लगे। वहीं इस मामले पर अधिकारियों ने भी मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया।