नई दिल्ली। हैदराबाद में फिक्की के महिला मंच को संबोधित करते रुए केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने जो कुछ कहा, वह इस तरह है, “मुझे लगता है कि इन संकेतकों से भारत की असली तस्वीर सामने नहीं आती है, और ऐसा जानबूझकर किया जाता है। मिसाल के तौर पर ग्लोबल हंगर इंडेक्स को ही लें। वे इसे किस तरह तयकरते हैं? 140 करोड़ लोगं के देश में वे 3000 लोगों को फोन करते हैं और पूछते हैं कि क्या आप भूखें हैं?”
“मेरा विश्वास मानो…मैं सुबह 4 बजे दिल्ली से चली थी, कोच्चि के लिए 5 बजे फ्लाइट ली, मुझे एक कॉन्क्लेव में शामिल होना था (इसका आयोजन मलयालम मनोरमा ने किया था, और शायद मंत्री जी को लंच नहीं कराया), शाम 5 बजे की फ्लाइट लेकर इस कार्यक्रम में आ गई। तभी मुझे खाने के लिए कुछ मिल सका। ऐसे में इस दौरान अगर गैलप से कोई फोन करके पूछेगा कि क्या आप भूखी हैं, तो मैं कहूंगी कि हां मैं भूखी हूं…।” इतना कहकर स्मृति ईरानी हंसती हैं। कार्यक्रम में बैठी अन्य महिलाएं भी इस बात पर और जोर से हंसती हैं, जब स्मृति ईरानी कहती हैं कि पाकिस्तान की स्थिति इस मामले में हमसे बेहतर है…।
यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग केंद्रीय मंत्री की इस अज्ञानता पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। बता दें कि वर्ल्ड हंगर इंडेक्स की सालाना रिपोर्ट आती है जिसे कंसर्न वर्ल्डवाइड एंड वेल्थहंगरलाइफ जारी करता है। यह संस्था पूरी दुनिया के तमाम इलाकों में हंगर यानी भूख की पड़ताल करती है।
ताजा रिपोर्ट बताती है कि इस इंडेक्स में भारत का स्कोर सिर्फ 28.7 है और वह 125 देशों की सूची में 111वें नंबर पर है। पाकिस्तान भी इस इंडेक्स में भारत से आगे है और वह 102वें नंबर पर है। वहीं बांग्लादेश 81वें, नेपाल 69वें और श्रीलंका 60वें नंबर पर है। बीते कुछ सालों से इस इंडेक्स में भारत की स्थिति लगातार गिर रही है और सरकार हर बार इस रिपोर्ट को बकवास बताकर खारिज करती रही है।
स्मृति ईरानी खुद भी संसद में 2021 में इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी हैं। पर उस बार उनकी आलोचना सिर्फ जानकारी न होने को लेकर हुई थी। लेकिन इस बार उनकी अज्ञानता ने हदें पार कर दी हैं। या फिर कहें कि अज्ञानता की ही अज्ञानता की हद हो गई है। और लोगों ने उन्हें खुलकर चुनौती भी दी है, उनका मजाक उड़ाया जा रहा है और यहां तक लोग चुटकी ले रहे हैं कि उस दिन तो वे भूखी ही थीं।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स को पूरी तरह समझे बिना केंद्रीय मंत्री द्वारा इसका मजाक बनाना बेहद तकलीफदेह है। उन्होंने लिखा, “मंत्री के इस बयान से कुपोषण, असामान्य खाद्य वितरण और शिशु दर को लेकर बीजेपी सरकार की असंवेदनशीलता जाहिर होती है।”
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि, “पता नहीं ज्यादा शर्मनाक क्या है… आपकी अज्ञानता या फिर असंवेदनशीलता जो आपने दिखाई है….”
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी लिखा, “अगर अज्ञानता का कोई चेहरा हो सकता है तो वह है मंत्री जी…”
लेकिन एक डॉक्टर ने एक्स पर विस्तार से पोस्ट लिखकर मंत्री जी के बयान की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने लिखा कि उन्हें मंत्री की अज्ञानता पर शर्म आ रही है। साथ ही बताया कि 125 देशों में सिर्फ भारत ही ऐसा देश है जिसने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को खारिज किया है। इतना ही नहीं बेहद चिंता की बात यह भी है कि भारत ही अकेला ऐसा देश है जो कुपोषण और अपोषण के शिकार भारतीयों का अधिकारिक डेटा जारी नहीं कर रहा है।
इस डॉक्टर ने विस्तार से बताया कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स चार पैमानों पर तय होता है और इसमें सरकारी डेटा भी शामिल होता है। सरकारी डेटा के अलावा लोगों को रैंडम फोन कॉल करके भी इस बाबत लोगों की राय ली जाती है। उन्होंने बताया कि 125 में से से 124 देशों में हरेक में कुल 1000 फोन कॉल किए गए, और भारत की आबादी का आकार देखते हुए 3,500 कॉल किए गए। इन कॉल्स को यूनिसेफ ने किया था।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 2017-18 का डेटा अभी तक जारी नहीं किया है। सिर्फ 2011 के ही आंकड़े फिलहाल उपलब्ध हैं, और इसीलिए यूनिसेफ ने इसके लिए फोन कॉल किए। सिर्फ याद दिलाने के लिए बता दें कि स्मृति ईरानी महिला और बाल विकास मंत्री हैं।