– मप्र में धार-खरगोन सीमा पर खलघाट में हादसा, मुख्यमंत्री ने दुख जताया
धार (मध्य प्रदेश)। धार और खरगोन जिले की सीमा पर धामनोद थाना क्षेत्र अंतर्गत खलघाट के पास सोमवार सुबह यात्रियों से भरी बस पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नर्मदा नदी में गिर गई। इस दौरान घाट पर मौजूद लोग और नदी में चल रहे नाविक बिना समय गंवाए बस के पास पहुंचे और यात्रियों को निकालने की कोशिश शुरू की। सूचना मिलते ही पुलिस राहत और बचाव दल के साथ पहुंची। अब तक 13 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। कुछ यात्रियों को बचा लिया गया है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
हादसे का शिकार हुई महाराष्ट्र सड़क परिवहन निगम की यह बस इंदौर से महाराष्ट्र जा रही थी। खलघाट के पास यह हादसा हो गया। क्रेन के सहारे बस को नदी से निकाल लिया गया है। इंदौर कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा और अन्य अधिकारी खलघाट के लिए रवाना हो चुके हैं।
बताया गया है कि इस बस ने खलघाट में 10 मिनट का ब्रेक लिया था। इसके बाद आगे बढ़ने पर गलत दिशा से आ रहे वाहन को बचाने के चक्कर में पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। बस में कितने लोग सवार थे, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल रेस्क्यू जारी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और परिवारों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि जिला प्रशासन की टीम खलघाट पर मौजूद है। बस को निकाल लिया गया है। खरगोन और धार जिला प्रशासन के साथ वह निरंतर संपर्क में हैं। घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिये हैं। दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार स्वयं को अकेला न समझे, संपूर्ण प्रदेश उनके साथ है।
मारे गए 13 लोगों में 8 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल हैं। मृतकों की पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के हादसे पर दो बयान आए। पहले उन्होंने 15 यात्रियों को जिंदा बाहर निकालने का दावा किया। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद एम्बुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि एक भी यात्री जीवित नहीं मिला है। इसके करीब दो घंटे बाद फिर गृहमंत्री ने बताया कि बस में 14 से 15 लोग ही सवार थे और किसी को भी बचाया नहीं जा सका। हालांकि, बस में कितने यात्री सवार थे? इसकी पुष्टि अब तक प्रशासन ने नहीं की है।
स्थानीय लोग आगे आए, शवों को निकाला
हादसे की जानकारी लगते ही खलघाट के स्थानीय लोगों ने सबसे पहले मदद की। जो फोटो और वीडियो सामने आए हैं, उनमें स्थानीय लोग शवों को खोजते दिखे। कुछ लोग अपनी नाव से शवों बाहर निकाल रहे थे। उधर, इंदौर और धार से NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए सहायता देने की घोषणा की है। घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। महाराष्ट्र की बस होने की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घटना की जानकारी दी।
दो जिलों की सीमा पर बना है पुल
हादसा आगरा-मुंबई (AB रोड) हाईवे पर हुआ। यह रोड इंदौर से महाराष्ट्र को जोड़ता है। जिस संजय सेतु पुल से बस गिरी, वो दो जिलों- धार और खरगोन की सीमा पर बना है। पुल का आधा हिस्सा खलघाट (धार) और आधा हिस्सा खलटाका (खरगोन) में है। खरगोन से भी कलेक्टर और SP भी मौके पर पहुंचे हैं।
अब तक एक भी यात्री जीवित नहीं मिला
खलघाट टोल नाके की हाईवे एम्बुलेंस के ड्राइवर श्रीकृष्ण वर्मा ने बताया- मैं ड्यूटी पर था। सुबह 10.03 बजे कंट्रोल रूम से कॉल आया। सूचना मिली कि पुल से एक बस नर्मदा नदी में गिर गई है। सूचना मिलने के करीब 3 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंच गया था। बस नदी में गिरी हुई थी। तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। नदी से अब तक एक भी व्यक्ति जीवित या घायल नहीं निकाला जा सका है। बस को नदी से निकाल लिया गया है। बस में इंदौर और राजस्थान के जयपुर, उदयपुर के यात्री भी सवार थे।
सीएम शिवराज ने कहा- हम बस में सवार लोगों को बचा नहीं सके
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जैसे ही इस घटना की सूचना मिली वैसे ही प्रशासन सक्रीय हो गया। कलेक्टर, एसपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव के लिए तत्काल रवाना की। दुर्घटना के आधा घंटे के अंदर ही कलेक्टर घटना स्थल पर पहुंच गए थे। बस तो निकाल ली, लेकिन कहते हुए मन पीड़ा से भरा हुआ कि हम बस में सवार लोगों को बचा नहीं सके।
होटल मालिक बोला- चाय-नाश्ता करने रुके थे यात्री
बताया जाता है कि बस MH 40 N 9848 सुबह 9 से 9.15 बजे खलघाट से 12 किलोमीटर पहले दूधी बायपास किनारे एक होटल पर रुकी थी। होटल मालिक ने बताया कि यहां 12-15 यात्रियों ने चाय-नाश्ता किया। बाकी सवारी अंदर बैठी थी। अंदर कितनी सवारी यह तो पता नहीं, लेकिन बस में 30 से 35 सवारी होंगी।
नायब तहसीलदार बोले- कोई क्लेम करने नहीं आया
अमलनेर के नायब तहसीलदार पंकज कुमार जाट ने भास्कर को बताया कि अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। यहां अब तक कोई बॉडी क्लेम करने नहीं आया है। हम लगातार खरगोन और धार के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज और पूर्व CM कमलनाथ ने जताया दुख